रायपुर। बोरिया खुर्द में हुए प्लाटिंग में कई लोग ठगे गए हैं। एक प्लाट के तीन से चार दावेदार सामने आ रहे हैं। वहीं लोगों को प्लाट तो बेच दिया गया है लेकिन लोगों को जमीन नहीं मिल रही हैं। इस मामले में कई लोग शासन-प्रशासन का चक्कर लगा रहे हैं।
लेकिन कार्यवाही नहीं होने से लोगों में मायूसी छा गई हैं। इस मामले में अभिजीत तिवारी जेल की हवा खा रहा हैं। लेकिन कुछ दिन बाद रिहा होने के बाद फिर लोगों को अपने झांसे में ले लेता हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं।
कुछ माह पूर्व ही कुछ जमीन की बिक्री लगातार हुई और नामांतरण भी हुई हैं। इस मामले में कुछ लोगों से संपर्क किया गया है तो चौकाने वाली बात सामने आई हैं। 10 साल पहले हुई प्लांटिंग में कई हेरफेर करते हुए लोगों को जमीन बेचा गया हैं।
इससे साबित हो गया है कि बोरिया खुर्द के 51/1 में काफी झोल-झाल हैं। इस मामले में पटवारी देवेन्द्र वर्मा ने बताया है कि इस पूरे पेंच में मामला गड़बड़ हैं। क्योंकि जितनी जमीन थी उससे अधिक बेचा गया हैं।
जिसके चलते लोगों को चक्कर काटने पड़ रहे हैं। रजिस्ट्री उपरांत क्रेता-विक्रेता नामातंरण के लिए दाबाव बनाते हैं। जिसके चलते उन्हें करना पड़ता हैं। वहीं कुछ रोज पूर्व ही उसी खसरा में जमीन मकान बिके है और बकायदा प्रमाणीकरण भी हो गया हैं।
कुछ का तहसील में मामला लंबित है। वहीं इस पूरे मामले की जानकारी जब तहसीलदार को दी तो उन्होंने भी इस क्षेत्र में गड़बड़ी और शिकायत की बात कही। जिसके बाद उन्होंने तत्काल बोरियाखुर्द के उस पूरे खसरे में नामांतरण पर रोक लगा दी हैं। लेकिन रजिस्ट्री लगातार हो रही हैं।
और कई लोग ठगे जा रहे हैं। हालांकि सूत्रों की माने तो यह मामला अब शासन-प्रशासन स्तर पर पहुंच चुका हैं। अब इस मामले में क्या निर्णय आता है ये तो वक्त ही बताएगा। वैसे इस पूरे मामले में लोगों को ठगी होने से बचाया जा सकता है अगर इस पूरे खसरा नं की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी जाए और जब तक पूरी जांच ने हो बोरियाखुर्द के खसरा नं 51/1 पर रजिस्ट्री न करने का आदेश हो जाए।वहीं पीडि़त पक्ष इस पूरे मामले न्याय न मिलने पर सीएम भूपेश बघेल के समक्ष शिकायत करने की बात कही हैं।
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