स्पोर्ट्स डेस्क। पिछले कुछ समय से भारतीय क्रिकेट पर फिक्सिंग के साया मंडरा रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर भारत के घरेलू क्रिकेट पर पड़ा है। हाल ही में स्पॉट फिक्सिंग मामलें में भारत के दो घरेलू खिलाडिय़ों को गिरफ्तार किया गया है।
यह दोनों खिलाड़ी कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) के कई संस्करण में अलग-अलग टीमों से मैच खेल चुके हैं। बेल्लारी टीम के कप्तान सीएम गौतम और बहरार काजी को स्पॉट फिक्सिंग मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सीएम गौतम आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से खेल चुके हैं।
दोनों खिलाडिय़ों को केपीएल 2019 के फाइनल के दौरान धीमी बैटिंग के लिए सट्टेबाजों ने 20 लाख रुपये दिए गए थे। केपीएल 2019 का फाइनल मैच हुबली और बेल्लारी टीम के बीच खेला गया था। गौतम रणजी मैच भी खेल चुके हैं।
इससे पहले कर्नाटक प्रीमियर लीग टी-20 टूर्नामेंट में 29 वर्षीय बल्लेबाज निशांत सिंह शेखावत को केंद्रीय अपराध शाखा पुलिस ने 2018 में मैच फिक्सिंग में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। केपीएल में कई टीमों के लिए खेल चुके शेखावत पर सट्टेबाजों की मदद करने का आरोप है। यहीं नहीं शेखावत टीम की अंदरूनी जानकारी सट्टेबाजों को दिया करता था।
बता दें कि कर्नाटक प्रीमियर लीग के 2018 संस्करण में फिक्सिंग मामले में बेंगलुरू ब्लास्टर्स के पूर्व सलामी बल्लेबाज, एम विश्वनाथन को भी बेंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस जांच में पाया गया कि सटोरियों ने विश्वनाथन को हुबली टाइगर्स के खिलाफ एक मैच में 20 गेंदों में 10 रन से भी कम स्कोर बनाने को कहा था। उन्होंने ऐसा ही किया और 17 गेंदों में मात्र नौ रन ही बनाए। पुलिस ने बताया कि विश्वनाथन ने सट्टेबाज को मैच के दौरान संकेत देने के लिए अपना बल्ला बदला और जर्सी को भी आधा मोड़ लिया।
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