
रायपुर। नागरिकता संशोधन बिल पर रही बहस के बीच सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। संपत्ति खरीदकर पाकिस्तान और बांग्लादेश लौट जाने वाले शरणार्थियों की संपत्ति की तलाश करने की तैयारी सरकार कर रही है।
इसके लिए सरकार ने सूबे के सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए है। पहचान होने पर कार्रवाई भी की जा सकती है। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने पाकिस्तान लौटने वाले शरणार्थियों की संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित किया है।
साथ ही राज्यों से इसके संबंध में रिकॉर्ड भी मांगा है। केंद्र के इस फरमान के बाद अब सूबे में पाकिस्तानी नागरिकों की संपत्ति की पड़ताल शुरू हो गई है।माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में दर्जनों पाकिस्तानियों की संपत्ति है। राज्य सरकार ने कलेक्टरों को संपत्ति तलाशने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक सूबे में 6 लाख विदेशी शरणार्थी हैं। इनमें से 40 फीसदी पाकिस्तान और बांग्लादेश लौट तो गए, लेकिन कई ने यहां संपत्ति खरीदी है। केंद्र सरकार ने यहां संपत्ति खरीदकर पाकिस्तान लौटने वाले शरणार्थियों को शत्रु संपत्ति घोषित किया है।
ऐसे शरणार्थियों की तलाश शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि उनकी संपत्ति की पहचान कर उसे जब्त किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ के डिस्ट्रिक्ट स्पेशल ब्यूरो के सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2015 से 2019 के बीच 342 लोगों को भारतीय नागरीकता दी गई थी।
इसके अलावा कई लोगों ने अवैाध रूप से यहां की नागरिकता हासिल कर कारोबार भी किया और संपत्ति भी बनाई। इनकी पहचान कर अब उन पर कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है।
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