नई दिल्ली। जस्टिस शरद अरविंद बोबडे (Justice SA Bobde) सु्प्रीम कोर्ट (Supreme Court) के अगले चीफ जस्टिस होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की सिफारिश पर मुहर लगा दी है।
जस्टिस बोबडे 18 नवंबर को प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। जस्सिस बोबडे वर्तमान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) की जगह लेंगे, उनका कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
जस्टिस एसए बोबड़े (Justice SA Bobde) देश के 46वें चीफ जस्टिस होंगे। उनका कार्यकाल 18 महीनें का होगा। बता दें कि जस्टिस बोबडे मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) के बाद सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं।
बीते दिनों CJI रंजन गोगोई ने नियमानुसार जस्टिस बोबडे को देश का अगला CJI बनाने के लिए राष्ट्रपति के पास प्रस्ताव भेजा था। जिसे अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूर कर लिया।
2013 में SC के न्याधीश के रूप में ली थी शपथ
24 अप्रैल, 1956 को नागपुर में जन्में बोबडे सुप्रीम कोर्ट के जज हैं और साथ ही वो महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, मुंबई और महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, नागपुर के चांसलर भी हैं। शरद अरविंद बोबडे ने नागपुर विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी डिग्री ली है।
शरद अरविंद बोबडे अपर न्यायाधीश के रूप में 29 मार्च 2000 को बॉम्बे हाई कोर्ट की खंडपीठ का हिस्सा बने। 16 अक्टूबर’ 2012 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। 12 अप्रैल’ 2013 को भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल, 2021 तक मुख्य न्यायाधीश रहेंगे।
जस्टिस बोबडे इन फैसलों में रहे शामिल
सुप्रीम कोर्ट की ओर से आधार कार्ड को लेकर दिए गए आदेश में जस्टिस एसए बोबडे भी शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि आधार कार्ड के बिना कोई भी भारतीय मूल सुविधाओं से वंचित नहीं रह सकता है। सुप्रीम कोर्ट के इस पैनल में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस चेलमेश्वर और जस्टिस नागप्पन शामिल थे।
अयोध्या मामले की सुनवाई वाली बेंच में भी शामिल
पिछले चालीस दिनों तक अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुनवाई कर रही पांच जजों की पीठ में जस्टिस एसए बोबडे भी शामिल थे। इस पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस।
ए. बोबडे, जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस नज़ीर शामिल हैं। इस ऐतिहासिक मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला सुरक्षित रखा जा चुका है। उम्मीद जताई गई है कि 4 से 17 नवंबर के बीच इस मामले में फैसला आ सकता है।
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