रायपुर. फर्जी जाति प्रमाण पत्र (Fake Caste Certificate) के आधार पर नौकरी करने वालों पर राज्य सरकार ने सख्ती करने का फैसला लिया है। उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा जिन कर्मचारियों की जाति प्रमाण पत्र गलत पाए गए हैं, उन सभी पर कार्रवाई करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग को पत्र लिखा है।
साथ ही अब तक की हुई सभी कार्रवाई के संबंध में आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग को जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से इसे लेकर आदेश भी जारी कर दिया गया है।
आदेश में कहा गया है कि गलत जाति वाले सरकारी कर्मियों के लिए अब न तो किसी तरह की जांच होगी और न ही टीम गठित होगी, उन्हें नियमों के तहत सीधे नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा।
सामान्य प्रशासन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी मामले में हाईकोर्ट से स्थगन मिला हुआ है, तो उस मामले में पूर्व निर्धारित गाइडलाइन का पालन किया जाए।
दरअसल, राज्य सरकार को इस बात की शिकायत मिली थी कि गलत प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे कर्मचारियों को अधिकारी संरक्षण दे रहे हैं और उन्हें पद से हटाया नहीं जा रहा है।
इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने पत्र जारी किया है। जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि सेवा समाप्ति का आदेश जारी करने की पूर्व प्रशासक की विभाग द्वारा हाई कोर्ट में कैविएट दायर किया जाए ताकि वैसे प्रकरणों पर फैसले के पूर्व राज्य सरकार का भी पक्ष सुना जाए।
गौरतलब है कि फर्जी जाति प्रमाणपत्रों की जांच के लिए जाति प्रमाण पत्र उच्च स्तरीय छानबीन समिति गठित की गई है। समिति शिकायत के आधार पर सुनवाई करने के बाद अपना फैसला देती है।
समिति के फैसले के आधार पर विभागों को कार्रवाई करनी होती है, लेकिन अधिकांश मामले कोर्ट में लंबित होने के कारण कार्यवाही पूरी तरह सार्थक नहीं हो पा रही है।
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