छत्तीसगढ़

जमानत के लिए जरूरी होगा आधार कार्ड

रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ऋण पुस्तिका व अन्य दस्तावेज का दुरूपयोग रोकने के लिए अहम आदेश दिया है। आरोपी और उसके जमानतदार के आधार कार्ड का सत्यापन होने के बाद ही जमानत मिल सकेगी। जमानत के एक मामले में दिए गए फैसले में हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी ट्रायल कोर्ट के लिए गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन का पालन न करने वाले न्यायिक अधिकारियों पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। दरअसल, दुर्ग के स्पेशल कोर्ट में एक मामले में जमानत के लिए नीलकंठ पिता सुकुल दास की तरफ से ऋण पुस्तिका व अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे। दस्तावेज में जमानतदार को इंदवानी गांव का निवासी दर्शाया गया था। कोर्ट ने दस्तावेज को सत्यापन के लिए भेजा। संबंधित तहसीलदार ने जांच के बाद बताया कि इस नाम का कोई आदमी इंदवानी गांव में रहता ही नहीं है। इसके बाद कोर्ट के मोहिर्रिर आरक्षक पारसनाथ ने रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने आईपीसी की धारा 420,467,468,471 और 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज किया था। जांच के बाद दुर्ग में रहने वाले आरोपी वेदप्रकाश गुप्ता उर्फ गुड्डा को गिरफ्तार किया गया। आरोपी एक वकील का क्लर्क था। आरोपियों को जमानत दिलाने के लिए वह एसा फर्जीवाड़ा करता था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उसकी जमानत अर्जी पर शुक्रवार को सुनावाई के बाद जस्टिस प्रशांत मिश्रा की बेंच ने 9 बिंदुओं की यह गाइडलाइन जारी की।

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