सीएम भूपेश बघेल बोले…हजारों करोड़ के निवेश के बाद भी नवा रायपुर में नहीं बस पाया शहर…मुख्यमंत्री, मंत्रीगण यहां रहेंगे तो बसेगा शहर…

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज धनतेरस के अवसर पर यहां नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर-24 में 591.75 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले राजभवन, मुख्यमंत्री निवास, विधानसभा अध्यक्ष निवास, मंत्रीगणों के आवास गृह एवं वरिष्ठ अधिकारियों के आवासीय परिसर का भूमिपूजन किया। समारोह में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत और मंत्री परिषद् के सदस्यों एवं विशिष्ट अतिथियों की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नई राजधानी का शिलान्यास सोनिया गांधी ने वर्ष 2001 में किया था, तब से लेकर अब तक यहां हजारों करोड़ रुपए का पूंजी निवेश हुआ। सड़कें बन गयी, बिजली-पानी की व्यवस्था भी हो गई लेकिन शहर अब तक नहीं बस पाया है।
उन्होंने कहा कि देश में कई राज्यों में नई विकसित की गई राजधानियों में भी अब तक बसाहट नहीं हो पाई है, इसी तथ्य को ध्यान में रखकर हमने यह फैसला किया है पहले यहां मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्री परिषद के सदस्य और सभी वरिष्ठ अधिकारी रहेंगे, तो धीरे-धीरे शहर बसेगा।
छोटे अधिकारी कर्मचारी भी यहां बसेंगे, तो बाजार और अस्पताल भी विकसित होंगे। श्री बघेल ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को धनतेरस पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस अवसर पर कहा कि हम सब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गढ़वो नवा छत्तीसगढ़ के संकल्प को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। गांव से लेकर नवा रायपुर राजधानी तक गढऩे का काम हम पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य बने 19 बरस हो गए हैं लेकिन अब तक यहां निवेश की गई राशि का कितना उपयोग हुआ है, यह हम सब जानते हैं, धनतेरस के पावन अवसर पर आज नवा रायपुर में लगभग 591 करोड़ रुपए की इस परियोजना का भूमिपूजन किया गया है, जिससे यहां शहर बसे।
लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि इस आवासीय परियोजना को पूरा करने के लिए अधिकारियों की एक टीम गठित की गई है। जिसे समय सीमा और निर्माण कार्य की गुणवत्ता का ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं।
इस टीम के अधिकारी परियोजना के शुरू होने से लेकर इसके पूरा होने तक का कार्य करेंगे, जिससे उनकी जिम्मेदारी भी तय की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना निर्धारित समय सीमा में पूरी की जाएगी। लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने इस आवासीय परियोजना की विस्तृत जानकारी दी।
राजभवन कुल 12.60 एकड़ में विकसित होगा। यहां दरबार हॉल और सचिवालय भवन सहित विभिन्न भवन होंगे। मुख्यमंत्री आवास एवं कार्यालय 7.50 एकड़ में होगा। विधानसभा अध्यक्ष आवास एवं कार्यालय के लिए 3.19 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इसी प्रकार मंत्रीगण व नेता प्रतिपक्ष आवास एवं कार्यालय 1.50 एकड़ में होगा।
ऐसे 13 आवास बनाए जाएंगे। वरिष्ठ अधिकारियों हेतु 85 आवास बनाए जाएंगे। प्रत्येक आवास 0.45 एकड़ में निर्मित होगा। इन कार्यों के लिए सेक्टर-24 में 158 एकड़ पर तथा सेक्टर-18 में 64 एकड़ कुल 222 एकड़ भूमि आबंटित की गई है, निर्माण कार्य के लिए 24 माह की समयावधि तय की गई है।
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