रायपुर। लंबे समय से किडनी रोग से लड़ रहे सुपेबेड़ा के ग्रामीणों को थोड़ी राहत उस वक्त मिली जब राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके खुद किडनी बीमारी से पीडि़त ग्रामीणों के बीच पहुंची।
गरियाबंद जिले के किडनी बीमारी से प्रभावित गांव सुपेबेड़ा में राज्यपाल अनुसुइया उइके मरीजों से चर्चा के दौरान भावुक हो गईं। राज्यपाल ने सुपेबेड़ा के ग्रामीणों से कहा कि अब चिंता की कोई बात नहीं है। सुपेबेड़ा अब मेरी जिम्मेदारी है। मंगलवार को राज्यपाल समेत स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सांसद चुन्नीलाल साहू सुपेबेड़ा पहुंचे।
वहां राज्यपाल ने किडनी प्रभावित मरीजों और उनके परिजनों से वन टू वन चर्चा की। एक आंकड़े के अनुसार पिछले तीन साल में किडनी की बीमारी से पीडि़त सुपेबेड़ा के 71 लोगों की मौत हो चुकी है। यही नहीं गांव में 200 से ज्यादा किडनी मरीज बेहतर इलाज के लिए परेशान हैं।
इसको लेकर ही इसी महीने महासमुंद से सांसद चुन्नीलाल साहू ने राज्यपाल से मुलाकात की थी। इसके बाद राज्यपाल ने सुपेबेड़ा में निरिक्षण का शेड्यूल तय किया था। इसके तहत ही आज राज्यपाल, मंत्री, सांसद व आला अफसर वहां पहुंचे हैं।
सुपेबेड़ा में पहुंची राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गांव के ग्रामीणों से एक एक कर चर्चा की। उनकी समस्याओं को जाना और परेशानियों पर चर्चा की। बता दें कि सुपेबेड़ा में दूषित पानी पीने से पिछले 5 साल से किडनी की बीमारी ग्रामीणों में फैल रही है।
इसके चलते पिछले तीन साल में 71 लोगों की मौत हो गई। इसमें बीते 15 अक्टूबर को किडनी बीमारी से प्रभावित मरीज अकालू मसरा की मौत के बाद फिर से वहां ग्रामीणों में दहशत बढ़ गई है। हालांकि राज्य सरकार वहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का दावा कर रहा है।
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