लखनऊ। कमलेश तिवारी हत्याकांड (Kamlesh Tiwari Murder) के दो आरोपियों पर उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) ने ढाई-ढाई लाख का इनाम घोषित किया है।
यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह (DGP OP Singh) ने कहा कि हत्याकांड के दोनों आरोपियों अशफाक और मोइनुद्दीन पठान को पकड़ने वाले को ये राशि दी जाएगी। बीते शुक्रवार को लखनऊ में हुई हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या में ये दोनों आरोपी हैं और पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
कमलेश तिवारी हत्याकांड में शामिल तीन संदिग्धों को गुजरात एटीएस ने हिरासत में लिया था। तीनों को अब यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा हत्याकांड में शामिल दो अन्य आरोपियों को भी यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पुलिस अब इन सभी से पूछताछ की तैयारी में है। इस हत्याकांड में शामिल दो अन्य संदिग्धों को यूपी के शाहजहांपुर में देखे जाने की खबर भी है। फिलहाल एसटीएफ शाहजहांपुर में डेरा जमाए हुए हैं। सूत्रों की मानें तो कमलेश तिवारी हत्या के संदिग्ध हत्यारे लखीमपुर जिले के पलिया से इनोवा गाड़ी बुक करा कर शाहजहांपुर पहुंचे थे।
पाकिस्तान बॉर्डर क पास मिली है लास्ट लोकेशन
दरअसल, हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड में शामिल दोनों मुख्य आरोपी शेख अशफाक हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद उर्फ फरीद अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं। पुलिस को आशंका है कि दोनों सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंचने की फिराक में हैं।
दोनों की लास्ट लोकेशन भी हरियाणा के अंबाला के पास मिली है जो बाघा बॉर्डर से 285 किलोमीटर दूर है। बीते शुक्रवार को वारदात को अंजाम देने के बाद ये दोनों हरदोई, बरेली, मुरादाबाद, गाजियाबाद के रास्ते चड़ीगढ़ की तरफ गए हैं। दोनों आरोपी सात से आठ घंटे में अपना फोन ऑन कर रहे हैं और फिर उसे स्विच ऑफ कर दे रहे हैं।
18 अक्टूबर को हुई थी कमलेश तिवारी की हत्या
बता दें कि बीते 18 अक्टूबर को ही हिंदू समाज पार्टी (Hindu Samaj Party) के अध्यक्ष कमलेश तिवारी (Kamlesh Tiwari) की लखनऊ में उनके घर में घुसकर हत्या (Murder) कर दी गई थी।
इस हत्याकांड में गुजरात के सूरत से तीन और उत्तर प्रदेश से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही यूपी के बिजनौर के दो मौलानाओं की भी भूमिका की जांच की जा रही है। वर्ष 2015 में इन दोनों मौलानाओं ने कमलेश तिवारी का सिर कलम करने वालों को डेढ़ करोड़ रुपये इनाम देने की घोषणा की थी।
इस वारदात के मुख्य आरोपी शेख अशफाक हुसैन (Accused Sheikh Asfaq Hussain) और पठान मोइनुद्दीन अहमद (Pathan Moinuddin Ahamd) उर्फ फरीद अब भी पुलिस की गिरफ्तर से दूर है।
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