अब स्कूलों में सब्जियां भी उगानी पड़ेंगी। केंद्र सरकार की ओर से स्कूलों को यह निर्देश जारी किया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD – Ministry of Human and Resource Development) ने इस संबंध में दिशानिर्देश तैयार किया है।
ये निर्देश शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के सभी स्कूलों के लिए है। मंत्रालय का कहना है कि स्कूली बच्चों में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने और कुपोषण दूर करने के उद्देश्य यह कदम उठाया जा रहा है। इसके अलावा इस पहल से छात्रों के बीच व्यवहारिक शिक्षा व सीख को भी बढ़ावा मिलेगा।
स्कूलों को क्या करना होगा?
मंत्रालय ने इसके लिए स्कूलों को अपने-अपने परिसर में एक स्कूल न्यूट्रिशन (किचन) गार्डन (School Kitchen Garden) बनाने के लिए कहा है। इसके लिए स्कूल विभिन्न सरकारी विभागों और संस्थाओं से तकनीकी, ढांचागत व अन्य मदद ले सकते हैं।
केंद्र का कहना है कि स्कूल न्यूट्रिशन गार्डन बनाने का एक अहम उद्देश्य ये भी है कि इससे छात्रों को खुद का खाना उगाना सिखाया जा सकेगा। मंत्रालय ने स्कूलों को जारी दिशानिर्देश में यह भी बताया है कि कैसे इन गार्डन्स से जलवायु परिवर्तन के हानिकारक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
स्कूलों के किचन गार्डन में उगने वाले पौधे पर्यावरण से कार्बन की मात्रा कम करने में मदद करेंगे। साथ ही साथ खुद की सब्जियां उगाने से हमें इसका ज्यादा आयात नहीं करना होगा।
बता दें कि अभी देश में करीब 11.75 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। अगर हर स्कूल में ये किचन गार्डन बन जाए तो पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव होगा। ऐसा करने वाला भारत पहला देश नहीं होगा। फिनलैंड में इसी तरह का कार्यक्रम पहले से चलाया जा रहा है।
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