रायपुर। छत्तीसगढ़ में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में एक बड़े बदलाव की ओर सरकार ने इशारा कर दिया है। मध्य प्रदेश में मुहर लगने के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी निकाय चुनाव के दौरान पार्षद-महापौर का चुन सकते हैं।
गौरतलब है कि शनिवार को सरकार ने मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन कर दिया है। भूपेश सरकार के तीन कैबिनेट मंत्रियों को इस कमेटी का सदस्य बनाया गया है। इसी समिति द्वारा दिए गए अनुशंसा के आधार पर राज्य सरकार निकाय एक्ट में बदलाव पर विचार कर सकती है।
समिति की अनुशंसा पर ही महापौर के चुनाव का फैसला होगा। वहीं सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष में इसका विरोध शुरू हो गया है। बता दें कि साल के अंत में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव को लेकर छत्तीसगढ़ में राजनीतिक बवाल मचा हुआ है।
अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर चुनाव का मसौदा मंगलवार को तैयार हो सकता है। इसे लेकर मंत्रिमंडलीय उप-समिति की एक अहम बैठक होने वाली है। मंत्रालय में तीन सदस्यीय उप समिति की बैठक होगी। बैठक के बाद उप-समिति सरकार को अपना रिपोर्ट सौंपेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर सरकार चुनाव प्रणाली तय करेगी।
बताया जा रहा है कि समिति द्वारा दी गई अनुशंसा और मसौदे पर कैबिनेट मुहर लगाएगी। सरकार द्वारा बनाई गई उप-समिति की बैठक होने वाली है। महापौर चुनाव पर मंथन होगा और इसके बाद एक रिपोर्ट तैयार किया जाएगा। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार मेयर चुनाव को लेकर फैसला लेगी।
सरकार के इस फैसले का बीजेपी ने सीधे विरोध किया है। बीजेपी ने प्रत्यक्ष तौर पर ही महापौर चुनाव कराने की मांग की है. बता दें कि पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने इस मामले को लेकर राज्यपाल से मुलाकात भी की है। साथ ही बुधवार को बीजेपी मोतीबाग में धरना प्रदर्शन भी करने वाली है।
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