रायपुर। छत्तीसगढ़ में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में अभी भी सस्पेंस बना हुआ है कि महापौर और अध्यक्ष पद का चुनाव कौन करेगा? क्या आम जनता सीधे अपना अध्यक्ष और महापौर चुन सकेंगे अथवा जनता द्वारा चुने गए पार्षद? इसके लिए तीन मंत्रियों की कमेटी बनाई गई है, यह कमेटी कल 15 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।
राज्य में नगरीय निकाय चुनाव का बिगुल फूंका जा चुका है। नवंबर-दिसंबर अंत में अथवा जनवरी सप्ताह के प्रथम सप्ताह तक छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव संपन्न करा लिया जाएगा।
हालांकि अभी चुनाव का निर्धारित कार्यक्रम तय होना बाकी है, लेकिन यह तय है कि दीपावली के बाद नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां तेज हो जाएंगी और इसके बाद पूरे राज्य में नगरीय निकाय चुनाव का माहौल छा जाएगा।
लेकिन इन सब के बीच में सस्पेंस कायम है कि आखिर महापौर और अध्यक्ष पद का चुनाव कौन करेगा? जनता सीधे अपना महापौर और अध्यक्ष चुन सकेगी अथवा जनता द्वारा चुने गए पार्षद, महापौर और अध्यक्ष चुनेंगे।
इसे लेकर राज्य के मुखिया ने अपने तीन वरिष्ठ मंत्रियों की उपसमिति बनाई है। मंत्रिमंडलीय उपसमिति कल 15 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस समिति की अनुशंसा के आधार पर फैसला लिया जाएगा कि महापौर अथवा अध्यक्ष का चुनाव कौन करेगा? इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कह चुके हैं।
कि इस तरह के चुनाव में कोई खराबी नहीं। जिला पंचायत में इसी तरह से चुनाव होते हैं। इसके लिए तीन मंत्रियों की मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की है। उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय तीन मंत्रियों रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर और शिव डहरिया की उपसमिति की रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगा।
इधर सूत्रों की माने तो तीनों मंत्रियों के बीच इस मुद्दे को लेकर प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है। अब मंत्रियों की समिति की रिपोर्ट के आधार पर कैबिनेट में इस पर फैसला लिया जाएगा। इसके बाद प्रदेश सरकार अध्यादेश लाएगी।
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