रायपुर। बोरिया खुर्द में चल रहा है जमीन का खेल। सरकार ने नियमों में कड़ाई जरूर कर दी हैं। लेकिन प्रशासन में बैठे अफसर भी इस नियमों को दर किनार कर रहे है। बोरिया खुर्द के 51 नं खसरा में कुछ वर्ष पूर्व प्लालिंट में कई लोगों ने जमीन खरीदा था।
बकायदा नामंत्रण भी हुआ हैं। उस समय ऑनलाईन प्रक्रिया नहीं थी। जिसके चलते उस खसरा नं मेंं अधिकांश प्लाटों की रजिस्ट्री दो से तीन बार हो चुकी हैं। जिसका खामिया पटवारी को भोगना पड़ रहा हैं। पटवारी लगातार तहसीलदार से इस मामले में मागदर्शन मांग रहें हैं।
क्योंकि जो लोग अभी प्लाट या मकान खरीद रहे है वो प्रमाणिकरण के लिए पटवारी पर दबाव बना रहे हैं। पटवारी देवेन्द्र वर्मा लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए लगातार प्रशासन के समक्ष 51 खसरा नं को लेकर तहसीलदार के समक्ष अपनी बात रख रहे हैं।
क्योंकि इस प्रकरण में कई लोग फंस चुके और आगे न फंसे इसलिए पटवारी वर्तमान कुछ माह में हुए रजिस्ट्री को लेकर चिंता जताई है क्योंकि जिन लोगों ने खरीदा है वो भी प्रमाणिकरण के लिए दबाव बना रहे हैं। ऐसे कई मामले में तहसील कार्यालय में लंबित हैं।
वहीं सरकार ने नियम बनाया है कि रजिस्ट्रिी पूर्व बी-1 नकल पटवारी प्रतिवेदन का होना चाहिए। लेकिन लोक सेवा केन्द्र से निकाल कर लोग बिना पटवारी प्रतिवेदन के सेटिंग के माध्यम से रजिस्ट्री करवा रहे हैं। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रजिस्ट्रार निभा रहे हैं। वहीं इस पूरे मामले में पटवारी से बातचीत की गई है। जिसका वाईस रिकार्ड खबरीलाल के संवादाता के पास है।
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