रायपुर। मनुष्य के शरीर में दिल एकमात्र ऐसा अंग है जो बिना आराम किए लगातार काम करता है। इस दिल के धड़कने में कोई समस्या आती है तो जिंदगी की गति अनियंत्रित हो जाती है जिसे दिल की बीमारी के नाम से जाना जाता है। दिल से संबंधित कुछ ऐसी ही बीमारियों का इलाज डॉ. भीमराव अम्बेडकर चिकित्सालय के एडवांस कॉर्डियक इंस्टीट्यूट के कैथलैब में शुक्रवार को वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट के नेतृत्व में किया गया।
एसीआई के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्मित श्रीवास्तव के साथ पीजीआई चंडीगढ से आये डॉ. मनोज कुमार रोहित एवं टीम ने मिलकर डिवाइस क्लोजर प्रोसीजर के जरिये दिल के छेद को बंद करके मरीजों को नई जिंदगी दी।
बच्चों के हृदय में जन्मजात छेद एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट को बंद करने के लिये तीन मरीजों का एएसडी डिवाइस क्लोजर, वेंट्रीकुलर सेप्टल डिफेक्ट को बंद करने के लिये दो मरीजों का वीएसडी डिवाइस क्लोजर तथा पेंटेंट डक्टस आर्टरीज को बंद करने के लिये दो मरीजों का पीडीए डिवाइस क्लोजर प्रोसीजर किया गया। वहीं शनिवार को तीन अन्य मरीजों का इलाज इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी अध्ययन के द्वारा दिल की बीमारी एरिथमिया (अतालता) को रेडियोफ्रीक्वेंसी एबलेशन के माध्यम से किया जाएगा।
ये सभी प्रोसीजर एसीआई के विभागाध्यक्ष व कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्मित श्रीवास्तव तथा पीजीआई चंडीगढ़ के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मनोज कुमार रोहित के द्वारा चिकित्सालय के कैथलैब में किये जाएंगे। सभी मरीजों का इलाज आयुष्मान योजना के अंतर्गत तथा स्मार्ट कार्ड के माध्यम से हुआ।
क्या है डिवाइस क्लोजर तकनीक:-कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्मित श्रीवास्तव के अनुसार, डिवाइस क्लोजर तकनीक में दिल के छेद को सर्जरी के बजाय डिवाइस क्लोजर से बंद किया जाता है। इस तकनीक में एंजियोप्लास्टी के कैथेटर के जरिये मरीज के हृदय में नसों के जरिये डिवाइस को भेजकर वहीं इंप्लांट कर दिया जाता है। एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट को सामान्य भाषा में दिल में छेद होना कहते हैं।
सामान्यत जन्म के कुछ महीने बाद हृदय की दोनों मुख्य धमनियों के बीच का मार्ग स्वत: बंद हो जाता है लेकिन किसी-किसी केस में ऐसा नहीं होता और वह मार्ग खुला रह जाता है। जिसे चिकित्सकीय भाषा में एएसडी यानी एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट कहते हैं। यह एक इंटरवेंशन प्रोसीजर है अर्थात् नसों के अंदर ही अंदर की जाने वाली प्रक्रिया। जिसमें जांघ की नस द्वारा बिना चीरे के दिल का छेद बंद कर दिया जाता है और मरीज दूसरे दिन से ही अपने काम पर जा सकता है।
दिल के निचले कक्ष में असामान्य सम्पर्क है वीएसडी की वजह:-वीएसडी यानी वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट एक आम हृदय दोष है, जिसमें दिल के निचले कक्षों (निलय) के बीच असामान्य संपर्क की वजह से छेद हो जाता है। वेंट्रिकुलर सेप्टल दोष लक्षणों में कम खाने, वजन ना बढऩे, और तेजी से सांस लेने के लक्षण शामिल हो सकते हैं। जन्म के कुछ समय बाद ये छेद अपने आप बंद हो जाते हैं लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता और छेद बंद करने के लिए ऑपरेशन या कैथेटर पर आधारित प्रक्रिया की जरूरत पड़ती है।
इन मरीजों का हुआ उपचार:-पीडीए डिवाइस क्लोजर प्रोसीजर के जरिए
कंचन गेंद्रें, उम्र – 4 वर्ष उतई, दुर्ग, मरीज श्रद्धा यादव, उम्र – 8 वर्ष रायगढ़, आरोही यादव, उम्र – 3 वर्ष, पंडरिया, कवर्धा,आंचल जायसवाल, उम्र- 16 वर्ष, वाड्रफनगर, बलरामपुर, रूकमणी ध्रुव, उम्र- 34 वर्ष, बरौदा, रायपुर, रेणुका काले उम्र- 48 वर्ष, कचना, रायपुर।
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