रायपुर। राज्य में आने वाले चौबीस घंटों के दौरान कहीं-कहीं पर हल्की बारिश अथवा गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। इधर राज्य के निकट बने चक्रवाती सिस्टम के असर से आज दोपहर बाद राजधानी में मौसम का मिजाज बदला और हल्की बूंदाबांदी दर्ज की गई। दूसरी ओर दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी शुरू हो गई है। देश के कई हिस्सों से मानसून अब लौट गया है।
मौसम विभाग के नियमित रिपोर्ट की माने तो राज्य में आने वाले चौबीस घंटों के दौरान कहीं-कहीं पर हल्की बारिश अथवा गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। इसके अलावा फिलहाल मौसम में कोई खास बदलाव नहीं होगा।
वर्तमान में एक चक्रवाती सिस्टम उत्तरी आंध्रप्रदेश के तटीय इलाके के ऊपर बना हुआ है इसका प्रभाव आसपास के इलाकों में भी बना हुआ है और यह चक्रवाती संचरण समुद्र सतह से 2.1 किमी की ऊंचाई पर बना हुआ है।
वहीं दूसरा चक्रवाती सिस्टम उत्तरी बंगाल की खाड़ी, इसके आसपास के इलाकों के साथ ही गांगई क्षेत्र और ओडिशा के तटीय इलाके के ऊपर समुद्र सतह से 2.1 किमी की ऊंचाई पर बना हुआ है।
चक्रवाती सिस्टम के असर से राज्य में एक बार फिर से नमीयुक्त हवा आने का क्रम शुरू हो गया है। दूसरी ओर मानसूनी गर्त अब कोमोरिन इलाके के साथ ही तटीय आंध्रपदेश, तेलंगाना से होकर रॉयलसीमा तक समुद्र सतह से 0.9 किमी की ऊंचाई पर आ गया है।
इधर मौसम विभाग ने देश के कई इलाकों से अब मानसूनी की वापसी की पुष्टि कर दी है। मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी शुरू हो गई है। पंजाब के अधिकांश इलाकों से मानसून वापस हो चुकी है।
इसके अलावा हरियाणा, चंड़ीगढ़, दिल्ली के कुछ भाग, उत्तराखंड के साथ ही उत्तरप्रदेश के कुछ भाग से मानसून वापस हो चुका है। इसके अलावा पश्चिम मध्यप्रदेश, पूर्वी राजस्थान के अधिकांश भाग से लेकर पश्चिम राजस्थान तक मानसून वापस हो चुका है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून पट्टी जो कि इस समय गुरदासपुर, चंडीगढ़, हरिद्वार, बहरिच, सुल्तानपुर, ऊरी, सवाईमाधोपुर, जालोर के पास बनी हुई है, धीरे-धीरे वापस हो रही है। आमतौर पर छत्तीसगढ़ से भी मानसून की वापसी 12 से 15 अक्टूबर के मध्य हो जाती है, इस समय थोड़ा विलंब हो सकता है।
यह भी देखें :
Add Comment