कराची। क्रिकेट (Cricket) के मैदान पर हादसों में पिछले कुछ समय में काफी बढ़ाेतरी देखने को मिली है। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिल ह्यूज की मौत के बाद कई स्थानीय टूर्नामेंटों में भी खिलाड़ियों के साथ अंपायरों तक की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हुए हैं।
लगातार नई तकनीक और बदलावों के बावजूद क्रिकेट के मैदान पर अनहोनी होने का खतरा बना रहता है। न केवल क्रिकेट (Cricket) बल्कि कई खेलों में इस तरह के हादसे होते रहते हैं, जिसमें किसी खिलाड़ी तक की मौत हो जाती है।
भारतीय क्रिकेट रमन लांबा (Raman Lamba) हों या फिर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिल ह्यूज (Phillip Huge), ये वो नाम हैं जिनके लिए खेल के मैदान पर लगी चोट जानलेवा साबित हुई।
क्रिकेट के मैदान पर एक बार फिर ऐसा ही एक दर्दनाक वाकया हुआ है, जहां पाकिस्तान के अंपायर को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। हालांकि उनकी मौत की वजह गेंद लगना या ऐसा कुछ नहीं है, बल्कि उनकी जान हार्ट अटैक के चलते गई। दरअसल, नसीम शेख (Naseem Shaikh) क्लब स्तर के टूर्नामेंट के एक मैच में अंपायरिंग कर रहे थे।
इसी दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वो जमीन पर गिर पड़े। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। नसीम शेख 56 साल के थे। वे पेशे से कसाई थे, लेकिन इस खेल से लगाव के चलते क्वालीफाइड अंपायर बन गए।
इससे पहले, हाल ही में एक मैच में अंपायरिंग कर रहे जॉन विलियम्स की भी गेंद लगने से मौत हो गई थी। इंग्लैंड में डिविजन-2 का ये मुकाबला पेमब्रोक और नारबर्थ के बीच खेला गया था।
अंपायरिंग कर रहे जॉन विलियम्स के सिर पर बल्लेबाज का शॉट आकर लगा और वह वहीं बेहोश हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां कई दिनों तक उनका इलाज चला, लेकिन आखिरकार गुरुवार 15 अगस्त को उन्होंने दम तोड़ दिया।
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