रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 5 डिसमिल से कम क्षेत्रफल के भूखण्डों के पंजीयन की अनुमति देने एवं रजिस्ट्री शुल्क में 30 प्रतिशत की छूट देने से लोगों को बड़ी राहत मिली है। छत्तीसगढ़ में एक जनवरी से 30 सितम्बरतक कुल 71 हजार 682 छोट भूखण्डों की रजिस्ट्री हुई है।
जबकि अपैल से सितम्बर तक छोटे बड़े भूखण्डों की कुल एक लाख 20 हजार से अधिक रजिस्ट्री हुई है, इससे राज्य शासन को 605 करोड़ 90 लाख की राजस्व प्राप्ति हुई है।
विगत वर्षों में छोटे प्लाट की रजिस्ट्री पर रोक होने से मध्यमवर्गीय परिवार सहित बहुत से लोग भू-खण्ड नही खरीद पा रहे थे, और अपनी ही जमीन पर घर तक नही बनवा पा रहे थे।
शासन द्वारा अप्रैल से पांच डिसमिल से कम के भू-खण्ड की भी रजिस्ट्री की अनुमति दिये जाने के बाद विगत छह माह में ही अपनी जमीन का पंजीयन कराने वालों की संख्या एक लाख से भी उपर पहुंच गई है।
प्रदेश भर में ऑनलाइन हुये पंजीयन के आंकडों को देखे तो गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष छह माह की अवधि में ही 26 फीसदी अधिक रजिस्ट्री हुई है। विगत छह महीने के भीतर ही रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या बढऩे से यह माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में लोग छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री नही होने और शुल्क अधिक होने से बहुत परेशान थे।
खास बात यह भी है कि अपने छोटे भू-खण्ड को बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों पक्षों को काफी राहत मिली है। सरकार के इस फैसले से लोग बहुत राहत महसूस कर रहे है और इससे प्रदेश में लगभग 33 फीसदी राजस्व भी बढ़ा है।
राजस्व विभाग के आंकडों के मुताबिक विगत वर्ष अप्रैल 2018 से सितंबर 2018 तक छह माह में कुल 95 हजार 520 लोगों ने अपने दस्तावेजों का पंजीयन कराया था। इस दौरान 454 करोड़ 98 लाख रूपए राजस्व प्राप्ति राज्य शासन को हुई थी। प्रदेश के रायपुर और बिलासपुर जिले में सबसे ज्यादा रजिस्ट्री हुई है।
यह भी देखें :
शांति भंग करने के आरोप में…सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी गिरफ्तार…
Add Comment