सुकमा। छत्तीसगढ़ में डेंगू फैलने की ख़बर से हड़कंप मच गया है। मामला सुकमा जिले के कोंटा में सामने आया है। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम को सुकमा रवाना कर दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में डेंगू के 17 प्रकरण मिले हैं। इसमें सीआरपीएफ के जवान प्रभावित हैं। सीआरपीएफ के जवानों में डेंगू के लक्षण मिलने के बाद महकमे में हड़कंप मच गया।
सुकमा जिला स्वास्थ्य अधिकारी सीपी बंसोड़ ने कहा कि सबसे पहले दो मरीज सीआरपीएफ के जवान मिले। वे दूसरे राज्य से डेंगू का लक्षण लेकर आए थे। इसके विभाग ने कोंटा क्षेत्र में सर्वे कराया। मेडिकल टेस्ट कराए गए। जवानों को जगदलपुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।
यहां जवानों में डेंगू पॉजिटिव मिले, वहीं उडिय़ापारा में कुछ मरीजों में डेंगू के लक्षण मिले हैं। फिलहाल सभी को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन इलाके में घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है। हमने अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दी है।
वहीं मामले में की रिपोर्ट सुकमा से रायपुर स्वास्थ्य मंत्रालय पहुंचने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया। तत्काल प्रभाव से विभाग की ओर से राज्य स्तर के दो अधिकारियों को सुकमा के लिए रवाना कर दिया गया।
जिन अधिकारियों को सुकमा जाकर हालात का जायजा लेने और डेंगू के रोकथाम का उपाय करने के लिए रवाना किया गया है उनमें- डॉ. जितेन्द्र कुमार, राज्य कार्यक्रम अधिकारी( एन.व्ही.डी.सी.पी) और डॉ. चिन्मय कुमार दास, राज्य सलाहकार (प्रशिक्षण) शामिल है।
प्रशासन ने दबाई डेंगू की खबर
असल में कोंटा में डेंगू के मामले सामने आने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रयास नहीं किया। बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों ने डेंगू की खबर को दबाने के लिए पूरी मेहनत की। अब डेंगू के 17 मरीजों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा हालत ठीक करने की बात कही जा रही है।
डेंगू के लिए कुख्यात है कोंटा
सुकमा जिले के कोंटा इलाके में हर साल डेंगू के सैकड़ों मामले सामने आते रहे हैं उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के गैरजिम्मेदाराना हरकत के कारण मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
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