रायपुर। रेल कॉरिडोर परियोजना को स्थगित करने की प्रदेश सरकार की मंशा की भारतीय जनता पार्टी कड़े शब्दों में निंदा की है। रेल कॉरिडोर छत्तीसगढ़ के विकास में मील का पत्थर सिध्द होगा जिससे न केवल छत्तीसगढ़ के हजारों नौजवान युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध होगा अपितु छत्तीसगढ़ की प्रचुर खनिज सम्पदा का व्यापक रूप से प्रदेश की आर्थिक उन्नति के लिए भी उपयोग होगा।
परन्तु प्रदेश की भूपेश सरकार इस महत्वपूर्ण परियोजना को इसलिए ठंडे बस्ते में डालना चाह रही है क्योंकि यह परियोजना भेंट चढ़ रही है। रेलवे लाइन किसी भी क्षेत्र के विकास की एक धुरी होती है जिस क्षेत्र में रेल लाइन न हो वह क्षेत्र पिछड़ा एवं उपेक्षित माना जाता है।
प्रदेश की सरकार को यह भी समझ में नहीं आ रहा हैं कि रेलवे लाइन किसी भी क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी साबित होती हैं। इस परियोजना में छत्तीसगढ़ सरकार आर्थिक रूप से न केवल मजबूत होगी बल्कि इन क्षेत्रों में आगे चलकर जन-सुविधाओं का भी विस्तार किया जा सकेगा।
कुछ तथ्य इस परियोजना से संबंधित है जो कि इस परियोजना में कुल लागत का 64 प्रतिशत एसईसीएल, 26 प्रतिशत इरकॉम एवं 10 प्रतिशत राज्य सरकार की हिस्सेदारी हैं। राज्य के 10 प्रतिशत अंश का मात्र 620 करोड़ रूपए देने के लिए भूपेश सरकार के पास पैसा नही है इसलिए सच बता नहीं सकते तो छत्तीसगढ़ के भविष्य के साथ खेल जनता को ठग रहे है।
भाजपा प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि इसी तर्ज पर किरन्दुल से कोत्तवल्सा रेल कॉरिडोर भी पहले सिर्फ आयरन ओर ढुलाई के लिए उपयोग होता था, अब पैसेन्जर गाडिय़ों का भी संचालन यहां हो रहा है।
आवश्यकतानुसार रेल लाइन का बेहतर उपयोग किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में बन रहे रेल कॉरिडोर का भी छत्तीसगढ़ के लोगों के उपयोग लिए किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ रेल परियोजनाओं के विस्तार के समय डॉ. रमन सिंह की सरकार ने सार्वभौमिक विकास की दृष्टि से तात्कालीन कांग्रेस सरकार के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद इसकी स्वीकृति दी थी।
यह देखने में आ रहा है कि जो भी परियोजनाएं पूर्व की भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ के उत्तरोत्तर विकास के लिए लाई थीं, उन सारी परियोजनाओं को ठंडे बस्ते में डालने का काम भूपेश सरकार द्वारा किया जा रहा है, ताकि इसका श्रेय डॉ. रमन सिंह की सरकार को ना जाए परन्तु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यह भूल रहे हैं कि केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और भाजपा के कार्यकर्ता कांग्रेस सरकार के द्वारा जनकल्याणकारी परियोजनाओं को बाधित करने का पुरजोर विरोध करेंगे।
श्रीवास्तव ने तल्ख लहजे में कहा कि कांग्रेस सरकारों का यह इतिहास रहा है कि रेल को भी हिन्दुस्तान में हमेशा एक राजनीतिक हथियार के तौर पर ही इस्तेमाल किया जाता रहा है, परन्तु डॉ. रमन सिंह की सरकार ने तात्कालीन रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के साथ चर्चा कर इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू किया और छत्तीसगढ़ के पिछड़े इलाके में रेल कॉरिडोर के माध्यम से सुविधाओं के विस्तार का नया अध्याय लिखा।
रेल गलियारे के माध्यम से डॉ. रमन सिंह ने रेड कॉरिडोर को भी बेहतर जवाब दिया है। परन्तु ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रदेश सरकार अब रेल कॉरिडोर के बजाय रेड कॉरिडोर बनाने का रास्ता साफ कर रही है।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस पूरे परियोजना को ठंडे बस्ते में डालने का जो काम कर रही है वह बेहद निराशाजनक एवं चिंता का विषय है। बेरोजगारी दूर करने का वादा करके सत्ता में काबिज भूपेश सरकार को अपने इस निर्णय पर फिर से पुनर्विचार करना चाहिए।
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