भारत में जल्द ही सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बदल सकती है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। दो तरीकों से सेवानिवृत्ति की आयु तय हो सकती है।
पहला तरीका – कर्मचारी ने अगर 33 साल की सेवा पूरी कर ली हो।
दूसरा तरीका – कर्मचारी की आयु 60 साल हो गई हो।
केंद्र सरकार का तर्क है कि 33 साल की सेवा या 60 साल की आयु, जो भी पहले आए, इसके मुताबिक सेवानिवृत्ति होने से सरकार ही नहीं, बल्कि दूसरे कर्मियों को भी फायदा होगा।
सातवें वेतन आयोग में भी हुआ था जिक्र
रिटायरमेंट उम्र बदल का जिक्र सातवें वेतन आयोग में भी किया गया है। मामले में डीओपीटी सूत्रों का कहना है कि इस प्रपोजल पर काम शुरू हो चुका है। मीडिया रिपोट्र्स में बताया जा रहा है कि इस योजना को कई चरणों में लागू किया जाएगा।
इसके वित्तीय प्रावधानों को लेकर भी रिपोर्ट बनाई जा रही है और वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद अगले वित्तीय वर्ष से सेवानिवृत्ति के नए नियम क्रियान्वित कर दिए जाएंगे। योजना में आईएएस, आईपीएस से लेकर केंद्र सरकार की सभी श्रेणी की नौकरियां शामिल हैं।
अलग-अलग है रिटायरमेंट उम्र
पश्चिम बंगाल में मेडिकल टीचर के लिए 65 साल, डॉक्टर की 62 साल और दूसरे पदों के लिए 60 साल की सेवानिवृत्ति आयु तय की गई है।
इन राज्यों में 60 साल है रिटायरमेंट उम्र
सभी पदों के लिए आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, कर्नाटक, असम, बिहार, मेघालय, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, नागालैंड, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और सिक्किम में 60 साल की आयु में रिटायमेंट होती है।
इन राज्यों में 58 साल है रिटायरमेंट उम्र
तेलंगाना, तमिलनाडु, गोवा, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, मिजोरम, मणिपुर, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उड़ीसा में 58 साल की आयु में कर्मचारी या अधिकारी रिटायर होते हैं।
इन राज्यों में 56 साल है रिटायरमेंट उम्र
झारखंड और केरल में सेवानिवृत्ति आयु 56 साल रखी गई थी।
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