रायपुर। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने एक अहम फैसला किया है। सरकार अब स्कूलों में बढऩे वाले बच्चों को मध्यान्ह भोजन के साथ ब्रेकफास्ट भी देने जा रही है। सरकार अभी इस योजना को राज्य के दो विकासखण्डों बिलासपुर जिले के विकासखण्ड पेण्ड्रा और कोरिया जिले के विकासखण्ड खडग़वां में शुरू कर रही है।
छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राज्य के दो विकासखण्डों बिलासपुर जिले के विकासखण्ड पेण्ड्रा और कोरिया जिले के विकासखण्ड खडग़वां के स्कूली बच्चों को प्रतिदिन ब्रेकफास्ट (नाश्ता) देने जा रही है। इसके अलावा मध्यान्ह भोजन के अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में प्रदेश के चार जिलों दुर्ग, गरियाबंद, सूरजपुर और कोरिया में सप्ताह में दो दिन मीठा सोया दूध दिया जाएगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम 18 सितम्बर को बिलासपुर जिले के विकासखण्ड पेण्ड्रा की शासकीय प्राथमिक शाला नवागांव और कोरिया जिले के विकासखण्ड खडग़वां के एकलव्य आवासीय आदर्श विद्यालय पोड़ीडीह में प्रोटीनयुक्त स्वादिष्ट नाश्ता (ब्रेकफास्ट योजना) और 19 सितम्बर को शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सूरजपुर में मध्यान्ह भोजन योजना अंतर्गत फ्लेव्हर्ड मीठा सोया दूध योजना का शुभारंभ करेंगे।
ग्रामीण एवं आदिवासी अंचल के बच्चे सुबह जब स्कूल आते हैं तो घर से पर्याप्त मात्रा में खाकर नहीं आते। उन्हें स्कूल में मध्यान्ह भोजन की आस लगी रहती है, जो उन्हें दीर्घ अवकाश में दोपहर डेढ़ बजे मिल पाता है। इतने समय तक यह बच्चे भूखे रहते हैं, जिससे उन बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लग पाता है।
इस बात का ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राज्य के दो विकासखण्डों पेण्ड्रा जिला बिलासपुर और खडग़वां जिला कोरिया के बच्चों को प्रतिदिन ब्रेकफास्ट देने का निर्णय लिया है।
पायलट प्रोजेक्टर के तहत ब्रेकफास्ट योजना में स्कूली बच्चों को प्रार्थना के बाद रेडी नाश्ता मिलेगा। यह नाश्ता छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम के द्वारा तैयार किया जाएगा। नास्ते में सोयाक्रंच, चिवड़ा, हलवा, सोया बिस्किट उच्च प्रोटीनयुक्त दिया जाएगा।
आदिवासी बहुल क्षेत्र तथा कमजोर आर्थिक परिवार के बच्चों को घर में सुबह और रात के भोजन में जो प्रोटीन और कैलोरी मिलनी चाहिए वह पर्याप्त नहीं होती है।
राज्य सरकार ने इसे ध्यान में रखकर मध्यान्ह भोजन के अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में चार जिलों दुर्ग, गरियाबंद, सूरजपुर और कोरिया में सप्ताह में दो दिन फ्लेव्हर्ड मीठा सोया दूध देने की योजना शुरू की जा रही है।
सोया दूध में प्राकृतिक रूप से कैल्सियम, पोटेशियम, फायवर सहित अन्य सभी आवश्यक खनिज पदार्थ होते हैं, जो पढऩे वाले बच्चों के लिए अति आवश्यक है। इसके साथ ही इसके 100 मिली लीटर में 3 ग्राम प्रोटीन और 80 किलोग्राम कैलोरी ऊर्जा भी होती है।
बच्चों के टेस्ट के आधार पर इसे विभिन्न फ्लेवर में बनाया गया है। इसे आम, केला, इलायची, चॉकलेट आदि फ्लेवर में छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा प्रदाय किया जाएगा। इस दूध के पैकेट को सामान्य ताप में 90 दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
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