रायपुर। राज्य मेंं आगामी दिनों में बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी। हालांकि वातावरण में व्याप्त नमी और स्थानीय प्रभाव के चलते कहीं-कहीं पर हल्की से मध्यम बारिश अथवा गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। फिलहाल प्रदेश में झमाझम बारिश के आसार नहीं हैं।
मौसम विभाग के नियमित रिपोर्ट की माने तो इस समय मानसूनी द्रोणिका अनूपगढ़, अलवर, ग्वालियर होते हुए कम दबाव क्षेत्र के मध्य भाग से होकर उत्तर-पूर्वी मध्यप्रदेश, इसके आसपास के इलाकों से होकर उत्तरप्रदेश के दक्षिणी भाग, डॉल्टनगंज, बेहरमपुर होते हुए बंगाल की खाड़ी में दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर बनी हुई है।
इसके अलावा कल बना कम दबाव का क्षेत्र जो कि उत्तर-पूर्वी मध्यप्रदेश और इसके आसपास के इलाकों के साथ ही दक्षिणी उत्तरप्रदेश के ऊपर सक्रिय था। आज भी सक्रिय बना हुआ है और यह एक चक्रवाती सिस्टम के निकट पहुंच गया है जो कि ऊपरी हवा में 7.6 किमी की ऊंचाई पर बना हुआ है।
इस चक्रवाती सिस्टम का झुकाव दक्षिणी दिशा की ओर बना हुआ है। इधर कल दक्षिणी गुजरात से लेकर उत्तरी बांग्लादेश तक बनी द्रोणिका आज कच्छ से होकर सब हिमालय के क्षेत्र से होकर पश्चिम बंगाल की बनी हुई है।
यह द्रोणिका दक्षिण-पश्चिम मध्यप्रदेश से होकर चक्रवाती सिस्टम के साथ कम दबाव क्षेत्र के भाग को पार करते हुए ऊपरी हवा में 1.5 किमी की ऊंचाई से लेकर 5.8 किमी की ऊंचाई से गुजर रही है।
मौसम विभाग की माने तो फिलहाल प्रदेश में झमाझम बारिश के आसार नहीं है। प्रदेश में अच्छी बारिश के लिए जरूरी सिस्टम इस समय प्रदेश के आसपास सक्रिय नहीं है। लिहाजा अभी निकट भविष्य में 4-5 दिनों तक जोरदार बारिश की संभावना नजर नहीं आ रही है।
हालांकि वातावरण में व्याप्त नमी और स्थानीय प्रभाव से जरूर कहीं-कहीं पर हल्की बारिश अथवा गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। इधर राज्य में पिछले सप्ताह हुई झमाझम चौतरफा बारिश से राज्य में एक तरह से औसत बारिश का ग्राफ पूरा होने के काफी निकट पहुंच गया है।
एक तरह से राज्य में औसत बारिश हो चुकी है, लेकिन फिर भी राज्य के 4-5 जिलों में अभी भी अल्पवर्षा की स्थिति बनी हुई है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून अब विदाई की बेला में पहुंच रहा है। राज्य में आमतौर पर अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े तक मानसून विदा हो जाता है। मौसम वैज्ञानिकों को लौटते हुए मानसून से एक-दो बार अच्छी बारिश की उम्मीद बनी हुई है।
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