रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के जनहितैषी फैसलों से रियल एस्टेट सेक्टर में उछाल आया है। इन फैसलों से मध्यमर्गीय परिवारों को जहां बड़ी राहत मिली है, वहीं मात्र 45 दिनों में पिछले साल की तुलना में राज्य सरकार को 69 प्रतिशत अधिक राजस्व भी मिला है।
छोटे भू-खण्डों की खरीदी-बिक्री से रोक हटाने, संपत्ति की गाइडलाइन दरों में 30 प्रतिशत की कमी और भूमि नामांतरण और डायवर्सन के सरलीकरण से जैसे रियल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े अनेक जनहितकारी फैसलों से मध्यमवर्गीय परिवारों और आमलोगों को काफी राहत मिली है वहीं इससे राज्य सरकार को मिलने वाले राजस्व में भी अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई है।
छत्तीसगढ़ सरकार को भूमि के पंजीयन शुल्क के रूप में 25 जुलाई से 10 सिंतबर 2019 के बीच 152 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो इसी अवधि में पिछले वर्ष 90 करोड़ मिला था, जिसकी तुलना में इस साल यह 69 प्रतिशत अधिक है। सरलीकरण की प्रक्रिया से अचल संपत्ति के पंजीयन में भी काफी वृद्धि हुई है।
बीते 25 जुलाई से 10 सितंबर तक मात्र 45 दिनों में कुल 27 हजार 393 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ है जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 17 हजार 852 संपत्तियों से संबंधित दस्तावेजो का पंजीयन हुआ था। संपत्ति की गाइडलाइन दरों में 30 प्रतिशत की कमी से छोटे भू-खण्डों की बिक्री और रजिस्टेऊशन की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा मध्यमवर्गीय परिवारों को उनके अपने घर का सपना साकार करने की दिशा में रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा मकान और फ्लेट्स का रजिस्ट्री शुल्क 4 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत करने के साथ ही सिंगल विंडो से सभी प्रकार की अनुमति और अनापत्ति प्रमाण पत्र देने कीे प्रक्रिया भी प्रारंभ की गई है।
आवासीय टाउनशिप निर्माण की अनुमतियां और अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना अब लोगों के लिए काफी आसान हो गया है। राज्य सरकार के इन फैसलों से रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए अच्छे अवसर निर्मित हुए हैं।
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