रायपुर। छत्तीसगढ़ में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में प्रदेश की कृषि उत्पाद, हथकरघा उत्पाद एवं वन उत्पाद से जुड़ी सामग्रियों का प्रदर्शन किया जाएगा। इस सम्मेलन में प्रदेश के विक्रेताओं के साथ देश के कई राज्यों के अलावा करीब 16 देशों से भी प्रतिनिधि शामिल होने आएंगे। उक्त जानकारी आज यहां प्रदेश के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने सिविल लाईन स्थित न्यू सर्किट हाऊस के कांफ्रेंस हॉल में आयोजित प्रेसवार्ता में दी।
कृषि मंत्री श्री चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य प्राकृतिक संसाधनों जैसे वन,खजिन, जल संसाधन एवं कृषि संपदा से भरपूर है। राज्य को तीन कृषि जलवायु क्षेत्रों यथा छत्तीसगढ़ का मैदानी भाग, बस्तर का पठार एवं उत्तर के पहाड़ी क्षेत्रों में बाटा गया है।
उक्त तीनों क्षेत्रों में जलवायु एवं प्राकृतिक सम्पदा अलग अलग होने के कारण जैव विविधता प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। प्रदेश का 44 प्रतिशत भाग वन संपदा से आच्छादित है। उक्त क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार वनोपज एवं औषधि व सुगन्धित पौधों का व्यापक उत्पादन होता है। छत्तीसगढ़ में विभिन्न गुणों वालों सर्वसम्पन्न धान की 23 हजार किस्मों का जर्मप्लास संरक्षित है।
उन्होंने कहा कि राज्य में विभिन्न कृषि उत्पादों के जरिये देश में विशिष्ट पहचान बनाई है। राज्य ने मुख्य रूप से धान, लाल चावल, काला चावल, आर्गेनिग विष्णु भोग चावल के साथ पांरपरिक किस्मों के उत्पादन में कोदो कुटकी, रागी जैसी बहुमूल्य कृषि उत्पाद के साथ ही मक्का मखाना, चना, लाल मसूर, सोयाबीन रामतिल, फल, सब्जी आदि का भरपुर उत्पादन होता है।
राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 5 जिलों यथा दंतेवाड़ा, बस्तर,नारायणपुर, बीजापुर एवं गरियाबंद सहित 22 जिलों को सरकार ने जैविक विकासक्रम घोषित किया है। उक्त फसलों के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अनाज, दलहन, तिलहर, वनोपज, साग सब्जी, हैण्डलूम कोसा, सिल्क आदि में उत्पादकों को अधिकतम लाभ दिलाने के उद्देश्य से 20 सितंबर से 22 सितंबर के मध्य क्रेता-विक्रेताओं का सम्मेलन राजधानी रायपुर के एक होटल में आयेाजित किया जा रहा है। उक्त सम्मेलन में 19 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
साथ ही छत्तीसगढ़ में हो रहे कृषि उत्पादन से अवगत होने के लिए 16 देशों में दुबई, आस्ट्रेलिया, म्यांमार, नेपाल, घाना, बांग्लादेश, जापान, भूटान, यूरोप, साउथ अफ्रीका, ग्रीस, ओवाम घाना आदि के प्रतिनिधि भी शामिल होने आएंगे।
कृषि मंत्री ने बताया कि उक्त सम्मेलन में 20 व 21 को सिर्फ दूसरे राज्यों व दूसरे देशों से आमंत्रित किए गये प्रतिनिधियों से चर्चा होगी। चर्चापरांत आमंत्रित प्रतिनिधियों से अनुबंध एमओयू आदि कर 22 सितंबर को आम लोगों के अवलोकन के लिए क्रय-विक्रय हेतु प्रदर्शनी खुली रहेगी।
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