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नामांकन के पूर्व डॉ रमन सिंह और ओ.पी. चौधरी द्वारा दिए गए बयान पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम ने निंदा करते हुए कहा 15 साल तक राज करने वाले आज भी मदहोशी में…दी नसिहत दोनों बदलवाएं चश्में का नम्बर

रायपुर। उपचुनाव दंतेवाडा में नामांकन के बाद पूर्व मूख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं पूर्व कलेक्टर ओ.पी. चौधरी के बयान की प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कड़े शब्दों में निंदा की है और कहा कि डॉ. रमन पन्द्रह साल राज करने के बाद भी मदहोशी में हैं, आज भी अपने आप को मुख्यमंत्री मानते हैं।

नियम, कानून सबके लिए समान होते है, नामांकन के समय प्रत्याशी के साथ पांच लोगों को प्रवेश करनें की अनुमति होती है, मगर पूर्व मूख्यमंत्री लाव लश्कर के साथ अपने पूर्व मंत्रियों, संगठन के पदाधिकारियों के साथ नामांकन कक्ष में प्रवेश करते हैं, निर्वाचन अधिकारी द्वारा नामांकन कक्ष से बाकी लोगों को बाहर निकाल देते हैं, उसी की खिज वे निर्वाचन अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों पर निकाल रहे हैं।



रमन सिंह व ओ.पी. चौधरी को मालूम होना चाहिए कि नियम सबके लिए समान होते हैं वे अर्नगल बयानबाजी कर अधिकारियों के मनोबल को तोडऩे का काम कर रहे हैं। पन्द्रह साल के शासन काल में यही अधिकारी-कर्मचारी उनके लिए सही थे, मगर कांग्रेस के कार्यकाल में अब बुरे हो गए और अब उनके अनुसार वे अधिकारी कांग्रेसियो के रिश्तेदार हो गए है।

डॉ रमन सिंह के साथ-साथ ओ.पी. चौधरी को अपने चश्में का नम्बर किसी डॉक्टर के पास दिखवा लेना चाहिए जिस चश्में से छत्तीसगढ़ की जनता को हिकारत से देखते थे। उसी छत्तीसगढ़ की जनता ने पन्द्रह सीट पर सिमटा दिया है


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चौधरी ने कलेक्टर की नौकरी छोड़ कर खरसिया विधानसभा चुनाव से चुनाव लड़ा और अपनी चुनावी सभाओं में विधानसभा चुनाव में वोट नहीं देने पर जितने के बाद कहर बनकर टूटने की बात करते थे, मगर खरसिया की जनता समझदार है, ओ.पी. पर ही कहर बन कर टूटी गयी और उन्हें खरसिया की समझदार जनता ने बुरी तरह हरा दिया। आज ओ.पी. चौधरी घर के न घाट के रह गए और दूसरों को नौकरी छोडऩे की सलाह देते हैं ।



ये वही ओ.पी. चौधरी हैं जिन पर दंतेवाड़ा के कलेक्टर रहते हुए करोड़ों की जमीन घोटाले के आरोप हैं। सरकार के निर्देश पर जांच के लिए आयोग का गठन किया गया है, न्यायालय में भी प्रकरण चल रहा है भारतीय जनता पाटी से जुड़े लोगों को गांव की जमीन के बदले करोड़ों रूपयों की जमीन दंतेवाड़ा शहर में आबंटन नियम विरूद्ध की गई उनके खुद के ऊपर कलेक्टर रहते हुए भ्रष्टाचार के आरोप हैं और आज वे दूसरों को सलाह दे रहे है जिससे खिसयानी बिल्ली खंम्बा नोंचे वाली कहावत चरितार्थ होती है।

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