रायपुर। नया टै्रफिक नियम से लोग परेशान हैं। इसका देश भर में विरोध हो रहा है। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर भारी भरकम जुर्माने की राशि दोपहिया एवं चौपहिया वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन रही है।
हालांकि छत्तीसगढ़ में नया ट्रैफिक एक्ट अभी लागू नहीं किया गया है। यहां परीक्षण के दौर से गुजर रहा है। केबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर ने एक्ट की समीक्षा के लिए संपूर्ण मुद्दे को विधि विभाग छत्तीसगढ़ शासन के पास अभिमत के लिए भेजा है।
भारतीय मोटरयान अधिनियम 1988 में केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया नया संशोधन एक्ट का देश भर के वाहन चालकों में जमकर विरोध हो रहा है। अनेक राज्यों में सड़कों की बदहाल स्थिति के मद्देनजर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर भारी भरकम जुर्माने की राशि दोपहिया एवं चौपहिया वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन रही है।
गौरतलब है कि नए ट्रैफिक एक्ट 1 सितंबर से देश भर में लागू हो गया है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार जुर्माने की राशि के तहत चौपहिया वाहन चालक को सीट बेल्ट नहीं बांधने पर 1 हजार, दोपहिया वाहन चालकों को तीन सवारी लेकर चलने पर 1 हजार, हेलमेट नहीं पहनने पर 1 हजार, एंबुलेंस को रास्ता नहीं देने पर 25 हजार, बिना ड्राइविंग के गाड़ी चलाने पर 5 हजार, लाइसेंस रद्द होने के बाद ड्राइविंग करने पर 10 हजार, ओव्हर स्पीड गाड़ी चलाने पर दो हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।
बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर कुछ लोगों का कहना है कि दुर्घटनाओं में कमी के लिए यातायात नियमों का कड़ा होना जरूरी है।
वहीं शहरवासियों के अनुसार भारी भरकम राशि के अनुरूप सरकार द्वारा खराब सिग्नल की जिम्मेदारी, सड़कों पर गढ्डों की जिम्मेदारी, अतिक्रमण हुए फुटपाथ पर अवैध कब्जे की जिम्मेदारी, स्ट्रीट लाइट नहीं जलने की जिम्मेदारी एवं जर्जर सड़कों पर खोदी गई सड़कों की जिम्मेदारी तथा सड़कों पर बैठे मवेशियों के कारण हो रही मौतों की जिम्मेदारी लेने के लिए केंद्र अथवा राज्य सरकारें तैयार नहीं है।
कुछ लोगों का कहना है कि हमारे देश की सड़कें यूरोपियन देशों में निर्मित सड़कों की तुलना में कहीं नहीं टिकती। बावजूद इसके वाहनों पर जुर्माने की भारी भरकम राशि चुका पाने में ज्यादातर देशवासी अस्मर्थ है।
सेवानिवृत्त उप पुलिस अधीक्षक आरके तिवारी बिलासपुर ने भी नए ट्रैफिक एक्ट का विरोध करते हुए जुर्माने के साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकार की जवाबदेही तय करने की न्यायपालिका से मांग की है।
यह भी देखें :
गौठान समिति को कैसे संचालित करें…सरकार ले रही है फीडबैक… कलेक्टर ने ली 57 ग्राम पंचायतों की बैठक…
Add Comment