छत्तीसगढ़

जिंदा तो जिंदा मृतकों को भी नहीं मिल पा रही गंदगी से मुक्ति, क्या है मामला

जगदलपुर। जगदलपुर क्षेत्र में सर्वत्र गंदगी से लोग खासे परेशान हैं। इन्द्रावती नदी के किनारे स्थित श्मशान घाट जिसे पहले खडग़ घाट अथवा अब मुक्तिधाम के नाम से पुकारा जाता है, सफाई हेतु 10 कर्मियों की नियुक्ति के आश्वासन के बाद भी एक भी कर्मी यहां सफाई करने नहीं आता, जिसका परिणाम यह हो रहा है कि जली हुई लकडिय़ों के टुकड़े सहित अन्य अवशिष्ट सामग्रियों को सफाई के लिए लोगों को स्वयं ही जूझना होता है। जानकारी के अनुसार निगम ने इस हेतु अपनी सामान्य सभा में पिछले दिनों 10 सफाई कर्मी श्मशान घाट की सफाई करने के लिए घोषणा की थी लेकिन समय बीतता गया और अभी तक ये कर्मी केवल कागजों में ही उपस्थित हैं।
आपको बता दें कि श्मशान घाट को मुक्तिधाम के रूप में विकसित करने के लिए पिछले वर्षों में एक करोड़ पच्चीस लाख रूपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन घाट में केवल गंदगी ही गंदगी दिखाई पड़ती है। जीवित व्यक्तियों के लिए तो आस-पास पसरी गंदगी बीमारी के रूप में ही सामने आती है। लेकिन मरने के बाद जलने वाले शरीर में संसार छोड़ चुकी आत्मा श्मशाट घाट में पसरी गंदगी से मुक्ति भी नहीं मिल पाती। पिछले कई समय से श्मशाट घाट को साफ करने के लिए कई बार जनता सहित अन्य प्रतिनिधियों ने अपनी आवाज उठाई लेकिन किसी आवाज नहीं सुनी गई। इस संबंध में निगम के नेता प्रतिपक्ष का मानना है कि मुक्तिधाम की अव्यवस्था से वे अत्यंत दुखी हैं। इसलिए सभी भाजपा पार्षद व पदाधिकारी जनता के साथ आकर यहां मुक्तिधाम की सफाई का आयोजन करेंगे।

Back to top button
close