राजनांदगांव। शमशान घाट में नक्सलियों के नाम से बैनर टांग कर ध्वजारोहण न करने की चेतावनी ने लोगों को दहशत में डाल दिया था। लालबाग थाना क्षेत्र की पुलिस भी इस मामले को लेकर गंभीर हो गई और जब सच सामने आया तो सबके के होश उड़ गए।
पुलिस ने फर्जी नक्सली बनकर दहशत फैलाने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं। इन आरोपियों ने 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराने की धमकी दी थी। ये पूरा घटनाक्रम आरोपियों में शामिल एक महिला ने अपने पति को सबक सिखाने को लेकर पडय़ंत्र रचा था।
आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय गौरव अपमान अधिनियम सहित अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है। बीते 24 जुलाई की रात लालबाग थाने की पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली थी कि कविराज टोला गांव में एक कार के भीतर पांपलेट और नक्सली सामग्रियां रखी है।
सूचना के आधार पर लालबाग पुलिस मौके पर पहुंची और कार मालिक पवन ज्ञानचंदानी को तलब करते हुए कार की तलाशी ली। जिससे कार की सीट के नीचे एक थैले में कथित नक्सली पर्चे और बिजली के वायर, बैटरी आदि सामान मिले थे।
उक्त सामान के संबंध में पूछताछ करने पर कार मालिक पवन ज्ञानचंदानी ने इस सामान को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की थी। गाड़ी में मिले नक्सली पर्चे में ज्ञानचंदानी को नक्सली कमांडर बताया गया था। इस मामले में पुलिस जांच में जुटी हुई थी।
इसी दौरान पुलिस को बीते 8 अगस्त को पैरी नदी और बीते 11 अगस्त को बुद्धूभरदा श्मशानघाट में एक कथित नक्सली बैनर मिला था। जिसमें 15 अगस्त को ध्वजारोहण नहीं करने की धमकी दी गई थी। जिससे आसपास क्षेत्र के ग्रामीणों सहित जनप्रतिनिधियों में भी दहशत का माहौल था और तीनों घटना में लालबाग पुलिस जांच कर रही थी।
इस बीच पुलिस को पता चला कि तीनों घटना की सूचना पुलिस को एक व्यक्ति के द्वारा ही दी गई है। इस मामले की जांच के लिए गठित की गई एक विशेष टीम को जानकारी मिली कि पवन ज्ञानचंदानी का अपनी पत्नी के साथ विवाद चल रहा था जो किसी अन्य व्यक्ति के साथ पेंड्री अटल आवास में रह रही है।
पुलिस को मामला समझते देर नहीं लगी और पुलिस ने इसी कड़ी में अपनी जांच आगे बढ़ाई। इस बीच पुलिस को जानकारी हाथ लगी कि पवन की पत्नी का पुरुष मित्र है जो इन तीनों मामले में पुलिस को सबसे पहले सूचना दिया था।
शक के आधार पर लाल बाग पुलिस ने उक्त व्यक्ति की गतिविधि पर नजर रखी, तब पुलिस को मालूम हुआ कि इस व्यक्ति के द्वारा बाजार से कुछ लाल कपड़े, पेंट ब्रश आदि सामान खरीदे गए हैं। जिसके बाद पुलिस ने इस व्यक्ति को पूछताछ के लिए अपने हिरासत में लिया तब सारा माजरा सामने आ गया।
इस पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूबीएस चौहान ने बताया कि लालबाग पुलिस द्वारा पवन ज्ञानचंदानी की पत्नी निर्मला सोनकर और उसके पुरुष मित्र ईमानुवेल सिंह से पूछताछ कि जिसमें निर्मला और ईमानुवेल के बयान अलग-अलग थे।
कड़ाई से पूछताछ करने पर महिला ने बताया कि उसने अपने पति से बदला लेने और पीछा छुड़ाने अपने पुरुष मित्र और एक अन्य व्यक्ति महेंद्र देवांगन के साथ मिलकर तीनों घटना को अंजाम दिया है।
महिला ने बताया कि वह अपने पुरुष मित्र के साथ मिलकर बीते 24 जुलाई को अपने पति पवन की कार में नक्सली पर्चे बनाकर रखे थे और पुलिस को इसकी सूचना दिलवा दी थी। वहीं बीते 7-8 अगस्त की रात मोटरसाइकिल से पैरी नदी जाकर नक्सली बैनर लगाया था। वहीं बुद्धूभरदा क्षेत्र में भी इन्होंने ही नक्सली बैनर लगाना स्वीकार किया। महिला अपने पति को नक्सली साबित कर फंसाने की साजिश रच रही थी।
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