पठानकोट। भारतीय एयरफोर्स के बेड़े में अपाचे एएच-64 ई हेलीकॉप्टर शामिल हो चुका है। तीन सिंतबर को इसे पाकिस्तान से बेहद करीब स्थित एयरबेस में तैनात किया जाएगा। इसके बाद से बौखलाए पाकिस्तान की चिंता और बढ़ जाएगी। इस मौके को यादगार बनाने लिए विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान भी मौजूद रहेंगे।
वो एक बार फिर पाक सीमा के करीब उड़ान भरेंगे। तीन सितंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पठानकोट एयरबेस में इन लड़ाकू हेलीकॉप्टर को तैनात कर लांच करेंगे।
विंग कमांडर अभिनंदन इस समारोह के दौरान मिग-21 को उड़ाएंगे। इस रस्म के बाद अपाचे एएच-64 ई हेलीकॉप्टर को पठानकोट एयरबेस पर ही तैनात किया जाएगा। पठानकोट में तैनात अपाचे के स्क्वाड्रन कमांडर ग्रुप कैप्टन एम शायलू होंगे।
पाकिस्तान और चीन की सीमाओं को कवर करेगा ‘अपाचे
पठानकोट एयरबेस पाकिस्तान सीमा के सबसे करीब है। अनुच्छेद 370 तोडऩे के बाद भारत-पाक में पनपे विवाद के बीच अपाचे को पठानकोट एयरबेस पर तैनात करना रणनीति का हिस्सा है। इसके अलावा विभिन्न मारक क्षमताओं से लैस अपाचे एएच-64 ई हेलीकॉप्टर से चीन की सीमाओं को भी कवर किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि फिलहाल अपाचे अमेरिका व इजराइली वायुसेना का हिस्सा है। 30 एमएम मशीन गन और एंटी टैंक मिसाइल से लैस हैं। हेलीकॉप्टर में जमीनी टारगेट भेदने वाले हाइड्रा अनगाइडेड रॉकेट भी हैं जो दुश्मन के इलाके में 150 नॉटिकल माइल प्रति घंटा की रफ्तार से उडऩे में सक्षम है।
पाक प्रशिक्षित आतंकियों के हमलों के बाद सुर्खियों में आया पठानकोट एयरबेस
जनवरी 2016 में पाक प्रशिक्षित आतंकियों के हमले के बाद पठानकोट एयरबेस सुर्खियों में आया था। 1971 और 1965 की जंग में पाकिस्तानी एयरफोर्स ने सबसे पहले पठानकोट एयरबेस को ही निशाना बनाया था। 1971 के युद्ध में पठानकोट सहित एयरफोर्स स्टेशन परिसर पर कुल 53 बार हमला हुआ था। पठानकोट एयरबेस पाक और चीन सीमाओं तक निगरानी करने में दक्ष है।
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