छत्तीसगढ़स्लाइडर

रायपुर : आर्टिकल 370 : संघ के क्षेत्र प्रचारक दीपक विसपुते ने कहा- 72 वर्षों से चली आ रही भ्रम की स्थिति हमेशा के लिए मिटा दी गई

रायपुर। भारतीय संसद द्वारा आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35्र को हटाने का निर्णय अभूतपूर्व था। यह निर्णय भारतीय संसद के दोनों सदनों द्वारा लिया गया है, यह वास्तव में गत 72 वर्षों से चली आ रही भ्रम की स्थिति को हमेशा के लिए मिटा दी गई।

रायपुर समता कॉलोनी में स्थित महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज के सभागार में राष्ट्रीय सुरक्षा मंच के द्वारा 17 अगस्त को आयोजित भारतीय संसद का नागरिक अभिनंदन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार संघ के क्षेत्र प्रचारक दीपक विसपुते ने व्यक्त किए।

अपने उद्बोधन में दीपक विसपुते जी ने कहा कि, स्वतंत्रता के बाद से 72 वर्षों तक आर्टिकल 370 और 35 पर पाकिस्तान कभी भी भ्रमित नहीं रहा, उनके इरादे पक्के रहे किन्तु भारत हमेशा भ्रमित रहा और भारत की राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव में यह समस्या और गंभीर बनती चली गई।



परिणाम स्वरूप जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों के मंसूबे मजबूत होते चले गए और हम देखते रहे। जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान का रुख प्रारम्भ से ही स्पष्ट था, हम उसे ठीक से समझ नहीं पाए।

देश की आजादी के समय ही कश्मीर रियासत के महाराजा हरिसिंह ने अपनी रियासत को भारत में मिलाने के विलय पत्र पर अनकंडीशनल हस्ताक्षर किए थे। तब तक स्पष्ट था कि, जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन बाद में आर्टिकल 370 और 35्र पिछले दरवाजे से जोड़ा गया, जिसका संसद के दोनों सदनों का समर्थन भी नहीं लिया गया और ये समस्या आगे बढ़ती चली गई।

इसके लिए पाकिस्तान ने जब जब भारत पर हमला किया तब तब उसे मुँहकी खानी पड़ी।आगे दीपक जी ने कहा कि, कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला कश्मीर का सुल्तान बनाना चाह रहा था और हमें ब्लैकमेल करना शुरू किया।


WP-GROUP

1964 से 1967 के बीच लालबहादुर शास्त्री जी ने इस विषय को हैंडल किया। सितम्बर 1964 के संसद में आर्टिकल 370 पर डिबेट हुई तो इस वक्त 27 सांसदों में 4 सांसद जम्मू कश्मीर के थे जिन्होंने इस आर्टिकल को समाप्त करने की अपील की थी, किन्तु बाद के वर्षों में राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में इस पर सही निर्णय नही ले सके और तुष्टिकरण की राजनीति शुरू हुई।

1990 में तो हद पार हो गई जब वहां से कश्मीरी पंडितों को मार मार कर भगाया गया जो आज भी देश के अन्य भागों में शरणार्थियों की जिंदगी जी रहे हैं। पाकिस्तान के इशारे पर जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को पनाह दिया और जम्मू कश्मीर की आम जनता को हमेशा दहशतगर्दी में जीने के लिए मजबूर किया गया। कुछ मुठ्ठी भर लोग अपने स्वार्थ के कारण भारत को आंख दिखाते रहे।

आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और संसद के द्वारा इस अस्थायी आर्टिकल को समाप्त करते हुए एक बड़ा साहसिक निर्णय लिया है। अब हम अखण्ड भारत की ओर एक कदम आगे बढ़े हैं।



ऐसे समय में संसद का नागरिक अभिनंदन करना गौरव की बात है।इस कार्यक्रम में मंच पर भूतपूर्व सैनिक कर्नल जे. एस. कक्कड़, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एडवोकेट आशीष सोनी और प्रसिद्ध व्यवसायी अमर पारवानी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए भारत सरकार के साहसिक निर्णय पर उद्बोधन दिया।

राष्ट्रीय सुरक्षा मंच के संयोजक डॉ. राजेन्द्र दुबे ने कार्यक्रम में उपस्थित बड़ी संख्या में आए हुए सभी महानुभावों का आभार व्यक्त किया इस कार्यक्रम का संचालन प्रभात मिश्र ने किया। कार्यक्रम का समापन पूर्वांचल की बहनों द्वारा वंदे मातरम गाकर हुआ। इस अवसर पर नगर के प्रबुद्ध नागरिक माता भगिनी बड़ी संख्या में उपस्थित थी।

यह भी देखें : 

छत्तीसगढ़ : पुलिस विभाग में तबादले…निरीक्षक और उपनिरीक्षक हुए इधर से उधर…देखें पूरी सूची…

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/gaganmittal/public_html/wp-includes/functions.php on line 5471