खेती लाभदायक नहीं रही है। इस मानसिकता को सीधे चुनौती दे रहा है रांची का शिवशंकर महतो। शिवशंकर ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर नौकरी नहीं बल्कि खेती को अपना पेशा बनाया है और लाखों की कमाई कर रहा है। वह फल, फूल और सब्जी की खेती आर्गेनिक और आधुनिक तरीके से कर रहा है।
रांची के बुढ़मू प्रखंड के बरौदी गांव के रहने वाले शिव शंकर महतो ने दुमका के सिद्धो कान्हो विश्वविद्यालय से बीटेक की डिग्री हासिल की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में अच्छे पद पर नौकरी कर सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया, बल्कि सबकुछ छोड़कर खेती की ओर रुख किया।
आज उसने चार एकड़ में अमरुद की खेती की है। खेत में अमरुद इस कदर फला है कि इसे देखकर लोगों की आंखें फटी की फटी रह जा रही है। शिवशंकर महतो वैज्ञानिक तरीके से खेती कर रहा है। इसके लिए जैविक खाद खुद तैयार करता है।
इस साल तरबूज और अमरुद से शिवशंकर को अच्छी कमाई हुई है। उसके उत्पाद बड़े-बड़े मॉल में पहुंच रहे हैं। नेनुआ, करेला, पपीता, सजावटी फूल और कटहल से शिवशंकर महतो को लाखों की कमाई हो रही है।
सालाना 8 लाख की कमाई
शिवशंकर कहते हैं कि आज उसे खेती से 8-9 लाख रुपये सालाना आय हो रही है। तरबूज की खेती से इस साल काफी कमाई हुई है। अमरुद, नेनुआ, करेले और पपीता से भी पैसे आ रहे हैं।
पिता मणिलाल महतो को अपने बेटे पर गर्व है। वह कहते हैं कि बचपन से ही शिवशंकर पढ़ाई के अलावा खेती बारी में हाथ बंटाता था। अब इसी खेती से वह मोटी कमाई कर रहा है। मां लालो देवी कहती हैं कि बेटे की पढ़ाई के लिए दूध तक बेचना पड़ा। आज बेटे की सफलता को देखकर खुशी होती है।
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