भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) टीम इंडिया के हेड कोच पद के लिए 16 अगस्त को इंटरव्यू लेगी। हेड कोच पद के लिए बीसीसीआई ने 6 नामों को शॉर्टलिस्ट किया है। वल्र्ड कप के बाद रवि शास्त्री का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया था, लेकिन वेस्टइंडीज दौरे को देखते हुए उन्हें 45 दिनों का और समय दिया गया।
वल्र्ड कप 2019 की हार के बाद अब बीसीसीआई के सामने कोच चुनने की चुनौती होगी। बीसीसीआई के मुताबिक इंटरव्यू 16 अगस्त को सुबह से शुरू होंगे और शाम 5.30 बजे तक चलेंगे। आइए एक नजर डालते हैं कि कौन से वो 6 दिग्गज हैं, जिनमें से कोई एक टीम इंडिया का कोच बनेगा।
माइक हेसन
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कोच माइक हेसन ने न्यूजीलैंड को 2015 वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचाने में अहम रोल अदा किया था। हेसन ने 2012 से लेकर 2018 तक न्यूजीलैंड के मुख्य कोच की भूमिका निभाई। हेसन की सलाह पर ही रॉस टेलर से कप्तानी लेकर ब्रेंडन मैक्कुलम को कप्तान बनाया गया था।
2015 में मैक्कुलम की कप्तानी में ही न्यूजीलैंड 2015 वल्र्ड कप के फाइनल तक पहुंचा था। हेसन की सबसे बड़ी खासियत थी उन युवा खिलाडिय़ों की पहचान करना जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। भारतीय टीम में कई युवा खिलाड़ी हैं, ऐसे में हेसन कोच के लिए एक अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
टॉम मूडी
टॉम मूडी इससे पहले भी तीन बार भारतीय टीम के मुख्य कोच की भूमिका के लिए आवेदन कर चुके हैं। मूडी ने 2005, 2008 और 2016 में भारतीय टीम का कोच बनने के लिए आवेदन किया था लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें भारतीय टीम का कोच बनने का मौका नहीं मिला।
53 वर्षीय मूडी की कोचिंग में श्रीलंका टीम 2007 के वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंची थी तो वहीं आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद ने उनकी कोचिंग में ही 2016 में आईपीएल का खिताब जीता था।
फिल सिमंस
टीम इंडिया के कोच बनने की होड़ में वेस्टइंडीज के पूर्व सलामी बल्लेबाज फिल सिमंस भी शामिल हैं। वेस्टइंडीज के लिए 26 टेस्ट खेल चुके 56 वर्षीय फिल सिमंस सबसे पहले कोच के तौर पर 2004 में जिंब्बावे टीम से जुड़े। इसके बाद वे दो बार वेस्टइंडीज टीम के भी कोच रहे। उन्हीं के रहते वेस्टइंडीज ने 2016 का टी-20 वर्ल्ड कप जीता था।
इसके अलावा सिमंस आयरलैंड के कोच भी रहे। सिमंस ने एक खिलाड़ी के तौर पर वेस्टइंडीज के लिए 26 टेस्ट और 143 एकदिवसीय मैच खेले हैं। एकदिवसीय मैचों में वह 3675 रन बनाने के अलावा 83 विकेट लेने में सफल रहे हैं. 1999 में उन्होंने अपना अंतिम एकदिवसीय मैच खेला था।
रॉबिन सिंह
रॉबिन सिंह 2007 से लेकर 2009 तक भारतीय टीम के फील्डिंग कोच रह चुके हैं। युवराज सिंह, कैफ से पहले फील्डिंग के मामले में सबसे बड़ा नाम पूर्व क्रिकेटर रॉबिन सिंह का माना जाता था।
रॉबिन सिंह को भी भारतीय इतिहास के सबसे बेहतरीन फील्डरों में से एक माना जाता है। रॉबिन सिंह को भारतीय टीम के हेड कोच का दावेदार माना जा रहा है। रॉबिन सिंह वर्तमान समय में मुंबई इंडियंस के सपोर्टिंग स्टाफ में शामिल हैं। रोबिन मुंबई के बल्लेबाजी कोच हैं।
लालचंद राजपूत
लालचंद राजपूत इससे पहले भारतीय टीम के साथ मैनेजर के रूप में काम कर चुके हैं। 2007 टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के मैनेजर लालचंद राजपूत ही थे। 2008 में भी वो भारतीय टीम के साथ थे, जब भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज जीती थी।
रवि शास्त्री
शास्त्री को अनिल कुंबले का कार्यकाल विवादास्पद परिस्थितियों में बीच में समाप्त हो जाने के बाद 2017 में मुख्य कोच नियुक्त किया गया था। यह 57 वर्षीय पूर्व कप्तान अगस्त 2014 से जून 2016 तक भारतीय टीम का निदेशक भी रहा था। रवि शास्त्री के हेड कोच रहते टीम इंडिया कभी भी कोई आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत सकी।
हाल ही में भारत वर्ल्ड कप 2019 के लीग दौर में टेबल टॉपर रहा, लेकिन इसके बावजूद खिताब का प्रबल दावेदार भारत चौथे नंबर वाली न्यूजीलैंड से सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो गया।
भारत के पास तीसरा वर्ल्ड कप जीतने का अच्छा मौका था, लेकिन उसे वह भुना नहीं पाया. अगस्त 2014 से जून 2016 तक रवि शास्त्री को टीम इंडिया का डायरेक्टर बनाया गया था।
उनके कार्यकाल के दौरान टीम इंडिया को 2015 वल्र्ड कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा भारत के पास अपने ही देश में 2016 टी-20 वर्ल्ड कप जीतने का अच्छा मौका था, लेकिन सेमीफाइनल में टीम इंडिया वेस्टइंडीज से हार गई।
पिछले साल साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड के दौरे पर भारत टेस्ट सीरीज जीतने का प्रबल दावेदार था, लेकिन शास्त्री की कोचिंग में साउथ अफ्रीका में वह 2-1 और इंग्लैंड में 4-1 से सीरीज हार गया।
इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज के दौरान भारत ने 3 टेस्ट मैच तो जीत की स्थिति में पहुंचने के बावजूद अंतिम मौकों पर गंवा दिए. पिछले दो वर्षों में टीम इंडिया को इंग्लैंड में वनडे सीरीज में हार का सामना करना पड़ा।
साथ ही शास्त्री की कोचिंग में इस साल वर्ल्ड कप से ठीक पहले फरवरी-मार्च में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को घरेलू मैदान पर वनडे सीरीज में हराया था। शास्त्री की कोचिंग में पिछले दो साल से टीम इंडिया नंबर चार के बल्लेबाज को ढूंढऩे में नाकाम रही है।
वल्र्ड कप खत्म होने के बाद भी शास्त्री की इस नंबर के लिए तलाश पूरी नहीं हुई। इस दौरान नंबर चार पर कई खिलाडिय़ों को आजमाकर टीम से बाहर कर दिया गया। हालांकि टीम ने इस साल के शुरू में ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रचा था।
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