रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर सरदार बलवीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम परिसर में लगाए गए सरस मेले का अवलोकन किया। इस दौरान वे जनसंपर्क विभाग, आदिम जाति कल्याण, महिला एवं बाल विकास तथा वन विभाग के स्टॉल पर गए और वहां प्रदर्शन एवं बिक्री के लिए रखे हस्तशिल्प व बांस की कलाकृतियों को देखा।
उन्होंने वन विभाग के स्टॉल में बैठकर बांस से निर्मित फर्नीचरों और हर्बल उत्पादों के उत्पादन एवं बिक्री की जानकारी ली। यहां वन विभाग के स्टॉल में हर्बल उत्पादों और मूल्य संवर्धित लघु वनोपजों के साथ ही बांस से निर्मित वस्तुएं प्रदर्शन एवं बिक्री के लिए रखी गई थीं।
मुख्यमंत्री के साथ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा तथा खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने भी सरस मेला देखा। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी को भी आकर्षक मॉडलों के जरिए यहां प्रदर्शित किया गया था।
इंडोर स्टेडियम में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में शामिल होने आए लोगों ने भी सरस मेले का भ्रमण किया और खरीदारी की। मेले में जनसंपर्क विभाग द्वारा छायाचित्र प्रदर्शनी के माध्यम से सरकार द्वारा पिछले सात महीनों में आदिवासी क्षेत्रों में और वनवासियों के कल्याण के लिए किए गए कार्यों को रेखांकित किया गया था।
आदिम जाति अनुसंधान तथा प्रशिक्षण संस्थान द्वारा यहां आदिवासी साहित्य, जनजातियों से संबंधित शोध पत्र, पारंपरिक वस्तुओं, वस्त्रों, घरेलू सामानों, आभूषणों तथा वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी लगाई गई थी।
मेले में भारतीय जनजाति सहकारी विपणन विकास संघ मर्यादित द्वारा हस्तशिल्प, वस्त्र, सजावट के समान और वनौषधि की बिक्री की जा रही थी। छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम द्वारा कोसे से निर्मित वस्त्र और हस्तशिल्पियों द्वारा बनाए गए ब्रास मेटल, बेल मेटल व डोगरा आर्ट की कलाकृतियां भी यहां बिक्री के लिए रखी गई थीं।
सरस मेले में महिला एवं बाल विकास विभाग के स्टॉल में स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए सजावट और खाने-पीने के समानों की बिक्री की जा रही थी।
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