जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में पिछले 3 दिनों से बस्तर में निंरतर हो रही मूसलाधार बारिश से नदी नालों में उफान एवं बाढ़ के चलते संभाग मुख्यालय का अनेक स्थानों से सडक़ संपर्क विच्छेद हो गया है। सुकमा जिले का दूसरे दिन भी उड़ीसा एवं तेलंगाना से संपर्क टूटा हुआ है।
इधर बीजापुर जिला मुख्यालय भी टापू में परिवर्तित हो चुका है। बाढ़ एवं बारिश से अब तक समूचे संभाग में 175 मकान ढहने की खबर है और 11 लोग तेज बहाव में बह गए हैं, जिनमें से 5 के शव बरामद हुए हैं। शेष लापता लोगों की गोताखोरों की मदद से तलाश जारी है। जगदलपुर में मकान ढहने से दो की मौत हो गयी वहीं 5 लोग घायल हैं।
इंद्रावती किनारे के सभी मकान खाली करवाए गए
इंद्रावती नदी का तेजी से बढ़ता जलस्तर वार्निंग लेवल पार कर गया है। कलेक्टर अय्याज तांबोली ने बताया कि उड़ीसा में खातीगुड़ा डेम का जलस्तर बढऩे से दोपहर बाद बांध के 3 गेट खोल दिए जाएंगे। इसीलिए नदी किनारे के लोगों को सतर्कता बरतते हुए मकान खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं।
स्कूलों में बनाए राहत केंद्र
बाढ़ पीडि़तों के लिए शहर के अनेक स्कूलों में राहत केन्द्र खोले गए हैं। शिविरार्थियों को प्रशासन द्वारा भोजन एवं उपचार मुहैया करवाया जा रहा है। इंद्रावती नदी का तटीय इलाका डोंगाघाट, छेपरागुड़ा, धोबीगुड़ा एवं भेजापदर पूरी तरह टापू बन गए हैं।
बीजापुर में चौतरफा बाढ़ का कहर
बीजापुर जिला मुख्यालय से आंध्रप्रदेश मार्ग पर तारलागुड़ा में पुल पर बाढ़ का पानी दूसरे दिन भी पुल से ऊपर बह रहा है, जिससे पुल के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई है। इधर बीजापुर से बासागुड़ा,मार्ग पर तालपेरू नदी का पानी पुल पर से 4 फीट ऊपर बह रहा है, जिससे इस मार्ग पर भी कल से यातायात ठप है। बाढ़ की वजह से चेरपाल, गंगालूर, कुटरू, बासागुड़ा इलाके में आवागमन ठप हो गया है।
सुकमा में सर्वाधिक हुयी तबाही
सबसे ज्यादा सुकमा जिले में तबाही मची हुयी है। बाढ़ की विभीषिका से सुकमा जिले का तेलंगाना एवं उड़ीसा समेत संभाग के अनेक गांवों से सडक़ संपर्क सुगम नहीं हो पाया है। सुकमा से उड़ीसा मार्ग पर शबरी नदी का पानी पुल के 6 फीट ऊपर बह रहा है। बाढ़ की वजह से दुब्बाकोटा के निकट नेशनल हाईवे मार्ग डूब गया है, जिससे तेलंगाना जाने वाली वाहनों को रोक दिया गया है।
स्कूलों में छुट्टी
निर्मल स्कूल, दीप्ति कान्वेंट, हम एकेडमी समेत दर्जन भर स्कूलों में तेज बारिश के कारण आज सरकारी तौर पर बच्चों को छुट्टी दे दी गयी।
कच्चे मकान ढहे
शहर एवं आसपास के गांवों में दर्जन भर से ज्यादा कच्चे मकान ढह गए हैं। इस दौरान नयामुंडा तिरंगा चौक के पास घर की दीवार गिर गई थी, जिसमें 4 लोग बुरी तरह दबे हुए थे। तत्काल चारों को निकाला गया, घायलों में इम्मानुएल पोल (16) , निर्मला पोल (35), कुमारी निशि पोल (14), बाबू लाल पोल (38) सभी नयामुण्डा तिरंगा चौक के रहने वाले हैं, चारों को तत्काल 112 वाहन में बैठा कर डिमरापाल अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया, जिसमें पास्टर बाबूलाल पोल की मौत हो गयी।
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