नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 10 प्रतिशत बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसी के साथ अब सर्वोच्च न्यायालय में चीफ जस्टिस के अलावा 33 जज और होंगे। पहले यह संख्या 30 थी। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अब इसके लिए संसद में बिल पेश किया जाएगा।
संसद की मुहर लगने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या 34 पहुंच जाएगी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इससे पहले 2016 में देशभर की हाईकोर्ट्स में जजों की संख्या 06 से बढ़ाकर 107 की गई थी।
इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद मई में सुप्रीम कोर्ट में चार जजों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। तब करीब 11 साल बाद शीर्ष अदालत में जजों की निर्धारित संख्या 31 पहुंची थी।
सरकार ने 2008 में सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 26 से बढ़ाकर 31 की थी। इसके बाद इस साल मई में यह पहला मौका था जब सुप्रीम कोर्ट में जजों का कोई पद खाली नहीं रहा। केंद्रीय कैबिनेट ने जम्मू कश्मीर में भी गरीब सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण पर मुहर लगा दी।
इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को भी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण मिलेगा। जम्मू-कश्मीर में अभी विधानसभा नहीं चल रही है। वहां राज्यपाल शासन लागू है, इसलिए राज्य सरकार की जिम्मेदारी केंद्रीय कैबिनेट पर आती है। जावड़ेकर ने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की भविष्य की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि एजेंसी जल्द मॉस्को में टेक्निकल लायजन यूनिट (संपर्क केंद्र) तैयार करेगी। यह यूनिट रूस और पड़ोसी देशों की स्पेस एजेंसियों और उद्योगों के साथ मेलजोल बढ़ाने का काम करेगी। इसके अलावा इसरो ने बोलिविया की स्पेस एजेंसी के साथ भी अंतरिक्ष पर्यवेक्षण के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
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