रायपुर। राज्य की कांग्रेस सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान जबरिया रिटायर किए गए अधिकारियों-कर्मचारियों की रिपोर्ट मांगी है। बीजेपी सरकार ने इन अधिकारियों-कर्मचारियों जिनकी 20 साल की सेवा या 50 वर्ष की आयु पूरी हो गई है, अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी।
सीएम भूपेश बघेल ने विधानसभा चुनाव के दौरान घोषणा की थी कि 20 साल की सेवा या 50 वर्ष की आयु को आधार बनाकर जिन कर्मचारियों को रिटायर किया गया है, सरकार उसकी समीक्षा कराएगी।
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से सेवानिवृत्त किए गए स्टाफ की लिस्ट भेजने कहा है। विभाग के एसीएस, पीएस, सेक्रेटरी और स्पेशल सेक्रेटरी से कहा गया है कि वे छानबीन समिति की अनुशंसा पर सेवानिवृत्त किए गए अधिकारियों-कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध कराए।
जीएडी सचिव कमलप्रीत सिंह ने 10 जुलाई 2019 की स्थिति में संबंधित विभाग, विभागाध्यक्ष व अधीनस्थ दफ्तरों से जानकारी मांगी है कि प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कितने प्रकरण बने है। रिपोर्ट मांगी गई है कि अलग-अलग विभागों में वीआर देने के कितने अभ्यावेदन मिले।
इनमें से विभाग ने समिति के समक्ष कितने आवेदन पेश किए। इनमें से समिति ने कितने आवेदन मान्य या अमान्य किए। विभाग ने समन्वय में आदेश प्राप्त कर सेवा में वापस लिए गए अधिकारी-कर्मचारी कौन हैं।
विभाग ने समन्वय में आदेश तो प्राप्त किया, लेकिन अभ्यावेदन अमान्य कर दिए। इन सब के बाद भी कितने लोगों के केस विचाराधीन है, इसकी जानकारी देने को कहा गया है।
जीएडी ने विभागीय सचिवों से निगम, मंडलों प्राधिकरणों, स्वायत्तशासी संस्थाओं से संबंधित है। इसमें भी पूछा गया है कि 10 जुलाई की स्थिति में प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के जबरिया सेवानिवृत्त किए मामले कितने है। अनिवार्य सेवानिवृत्ति के खिलाफ कितनों ने आवेदन लगाया। विभाग ने अभ्यावेदन समिति को कितने केश पेश किए।
इनमें से समिति ने कितने प्रकरण मान्य या अमान्य किए। विभाग ने समन्वय में आदेश प्राप्त करके कितने कर्मचारियों को सेवा में बहाल किया या विभाग ने समन्वय से आदेश तो लिया, लेकिन नौकरी नहीं लौटाई। अब विभाग में 20-50 से संबंधित कितने केस पेंडिंग है।
यह भी देखें :
छत्तीसगढ़: अजीत जोगी से मिलने पहुंची युवती से बंगले में मारपीट…खुद का बता रहा था पूर्व CM का सचिव…
Add Comment