
रायपुर। मासूमों को सुरक्षित करने जिला पंचायत ने एक खास पहल करने जा रहा है। इसके तहत 60 महिलाओं को ड्राइविंग की टे्रनिंग दी जा रही है, ताकि वो स्कूल बस चला सकें। साथ ही उन्हें ट्रेनिंग के बाद सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा, जिससे वो ट्रैवल एजेंसी या अन्य सरकारी विभागों में ड्राइविंग कर अपनी जीविका चला सके। इसके लिए एक निजी स्कूल महिलाओं को ट्रेनिंग दे रहा है। पहले चरण में अभनपुर और आरंग की महिलाओं को ड्राइविंग सिखाया जा रहा है।
अजीविका मिशन के तहत ट्रेनिंग पूरी होने के बाद महिलाओं को सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इसके अलावा महिलाएं खुद की मर्जी से सरकारी, गैर सरकारी, स्कूली बसों में ड्राइवरी की नौकरी के लिए अप्लाई कर पाएंगी। महिलाओं को खुद की ट्रेवल एजेंसी संचालन करने के लिए प्रशासन लोन दिलाने में मदद करेगा।
स्कूली छात्र-छात्राओं के शोषण की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बसों में महिला परिचालकों का होना अनिवार्य कर दिया है। जिन स्कूलों एवं संस्थानों में कार्यरत महिलाओं की संख्या अधिक होती हैं, वहां महिला चालकों की डिमांड कई बार हो चुकी है। रायपुर जिला पंचायत के सीईओ डॉ. गौरव सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी लेने वाली महिलाओं की काउंसिलिंग हो गई है। अन्य प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद ट्रेनिंग शुरू करा दी जाएगी।
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