रायपुर। राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में नई शिक्षा नीति-2019 पर सुझाव लेने के लिए संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संचालक राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद पी. दयानन्द ने संगोष्ठी के शुभारंभ अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शासन प्रतिबद्ध है।
नई शिक्षा नीति में छत्तीसगढ़ द्वारा दिए गए सुझावों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने संगोष्ठी में उपस्थित प्रतिनिधियों से कहा कि राज्य हित में अपने क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार बेहतर क्रियान्वयन के लिए सुझाव दें जिन पर अमल किया जा सके।
पी. दयानन्द ने बताया कि नई शिक्षा नीति में परिमार्जन और संशोधन के लिए राज्य के सभी जिलों में नई शिक्षा नीति पर पालक, समुदाय, शिक्षक, गैर-शासकीय संस्थानों, शिक्षक-प्रशिक्षकों, शिक्षाविदों एवं अन्य स्टेक होल्डर्स के साथ विभिन्न आयोजनों, कार्यक्रमों, परिचर्चा, कार्यशाला आदि के माध्यम से विचार-विमर्श कर सुझाव लिए जा रहे हैं। प्राप्त सुझावों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार को भेजा जाएगा।
संगोष्ठी में शिक्षा एवं उनका सतत् पेशेवर विकास, स्कूलों में शिक्षाक्रम एवं शिक्षण शास्त्र, भारतीय भाषाओं का संवर्धन और प्रसार, स्कूल काम्पलेक्स के माध्यम से प्रभावी गवर्नेस एवं कुशल संसाधन, मूल्यांकन प्रक्रिया में सुधार/कला शिक्षा/जीवन कौशल को प्रोत्साहन आदि विषयों में नई शिक्षा नीति में इनकी विशेषताएं और चुनौतियों पर समूह चर्चा कर सुझाव लिए गए।
इस अवसर पर शिक्षा महाविद्यालय रायपुर, उन्नत शिक्षा संस्थान बिलासपुर, 19 डाईट, दो बीटीआई डोंगरगढ़ और बिलासपुर, गैर अशासकीय संगठन, अशासकीय विद्यालय संगठन, मदरसा बोर्ड, संस्कृत शिक्षा मण्डलम्, आदिवासी शोध संस्थान रायपुर के तीन-तीन प्रतिनिधियों के अतिरिक्त निजी स्कूलों के प्राचार्य, सेवानिवृत्त शिक्षाविद्, पालक प्रतिनिधि और स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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