रायपुर। राज्य में आगामी चौबीस घंटों के दौरान मौसम के मिजाज में कोई खास बदलाव नहीं होगा। हालांकि कुछ स्थानों पर हल्की बारिश अथवा गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं, इसके अलावा फिलहाल राज्य में झमाझम बारिश के आसार नहीं है।
मौसम विभाग के नियमित रिपोर्ट के अनुसार मानसूनी द्रोणिका इस समय पलोदी, शिवनी, माधवपुर, बंडा, छपरा, डायमंड हार्बर से होते हुए उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। वहीं एक अन्य द्रोणिका जो कि बिहार से नागालैण्ड तक बनी हुई है, बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग को पार करते हुए गुजर रही है।
इसके अलावा कल बना चक्रवाती सिस्टम जो कि दक्षिणी छत्तीसगढ़, इसके आसपास के इलाकों के ऊपर बना हुआ था। आज आगे बढक़र उत्तरी मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र इसके आसपास के इलाकों की ओर निकल गया है और ऊपरी हवा में 5.8 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है।
इधर राज्य के निकट बने चक्रवाती सिस्टम के आगे निकलते ही राजधानी रायपुर सहित आसपास के इलाकों में बारिश की गतिविधियों पर फिर से विराम लग गया है। इसके अलावा राज्य के शेष इलाकों में भी फिलहाल अच्छी बारिश की सूचना नहीं है।
प्रदेश के बस्तर और सरगुजा संभाग में अब तक हुई बारिश औसत के निकट है, लेकिन सबसे ज्यादा चिंता का विषय मैदानी इलाकों के सूखे रहने के कारण उत्पन्न हो रही है। राज्य के मैदानी इलाकों में अभी औसत बारिश भी नहीं हो पाई है और मानसून लगातार बे्रक हो रहा है।
इसके पहले इस माह के शुरूआत में बने मजबूत सिस्टम से राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश रिकार्ड की गई थी। लेकिन इसके बाद से अब तक अच्छी बारिश न हो पाने के कारण तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है।
राज्य में व्यापक बारिश के लिए जुलाई का महीना सबसे बेहतर माना जाता है और प्रदेश में औसत बारिश का ग्राफ इसी माह होने वाली बारिश से पूरा होता है, लेकिन चिंता की बात यह है कि यह महीना अब समाप्त होने को है और मैदानी इलाकों में अभी तक अच्छे से बारिश नहीं हो सकी है। वहीं निकट भविष्य में भी अच्छी बारिश के संकेत नहीं हैं।
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