गरियाबंद। फर्जी प्रमाण पत्र देकर सालों से नौकरी कर रहे 129 शिक्षाकर्मियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। किसी भी दिन उन पर बर्खास्तगी की गाज गिर सकती है। इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जिला पंचायत सीईओ नेे जनपद सीईओ को निर्देश दिया है।
ज्ञात हो कि मैनपुर जनपद पंचायत में फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे शिक्षाकर्मी की नौकरी पाने का मामला काफी तुल पकड़ा था। यहां शिक्षाकर्मियों की भर्ती 2005 से 2007 के बीच की गई थी। भर्ती में जनपद पंचायत द्वारा अपने चहेतों को नौकरी देने के लिए काफी कूटरचना की गई थी।
पात्र अथ्यर्थियों को दरकिरान कर अपात्र लोगों को थोक में भर्ती की गई थी। अभ्यार्थी की योग्यता ना होने पर खेलकूद प्रमाण पत्र, स्काउट गाइड प्रमाण पत्र, एनसीसी एवं अनुभव प्रमाण पत्र जोड़ दिए गए थे। ताकि चयन में अभ्यार्थियों को अतिरिक्त अंक का लाभ मिल सके।
मामला उजागर होने के बाद जांच में पाया गया है कि नौकरी पाने के लिए गलत विकलांगता सर्टिफिकेट, खेल-कूद व स्काउट गाइड का फर्जी सर्टिफिकेट लगाया गया है। कई लोगों ने तो यह सर्टिफिकेट छत्तीसगढ़ के बाहर से भी बनवाए हैं।
जांच में 356 शिक्षाकर्मियों में से 129 के प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं। जांच के बाद जिला पंचायत सीईओ ने मैनपुर जनपद पंचायत सीईओ को पत्र लिखकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
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