
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह शनिवार को विधानसभा में प्रदेश का 18वां बजट पेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा है कि शिक्षाकर्मियों के मुद्दे पर मुख्य सचिव की कमेटी की सिफारिश के बाद सरकार विचार करेगी। उन्होंने कहा कि चीफ सिकरेट्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी शिक्षा कर्मियों के मुद्दे पर हर बिंदु पर विचार कर रही है। यानी शिक्षाकर्मियों को अभी अपनी मांगों को लेकर थोड़ा इंतजार करना होगा। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से आज 18वां बजट है। वहीं मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह लगातार 12वां बार बजट पेश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री के बजट भाषण की मुख्य बातें
शिक्षाकर्मियों की मांगों पर विचार मुख्य सचिव की कमेटी की सिफारिश पर होगी। कमेटी की सिफारिश पर सरकार हर मांगों पर सहानुभूति पर विचार करेगी। शिक्षाकर्मियों के मुद्दे पर सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार कर रही है।
निराश करने वाला बजट: दुबे
राष्ट्रीय पैरा शिक्षक संघ के वीरेन्द्र दुबे ने कहा कि सीएम के बजट भाषण से राज्यभर के एक लाख अस्सी हजार शिक्षाकर्मियों की उम्मीदें टिकी थी, लेकिन आज हमें निराश हाथ लगी है। उन्होंने कहा कि बजट में संविलियन को लेकर कोई बात नहीं कही गई है। श्री दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि सीएस की अध्यक्षता में गठित कमेटी के रिपोर्ट सौंपने के बाद ही कुछ किया जाएगा यह थोड़ी राहत की बात है। कमेटी मार्च में रिपोर्ट सौंपेगी तब तक और इंतजार कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि बजट हमारे लिए निराश करने वाला है।