रायपुर। बंगाल की खाड़ी में बने कम अवदाब का असर दिखना शुरू हो गया है। राजधानी रायपुर सहित राज्य के अधिकांश इलाकों में कल शाम से अनवरत बारिश शुरू हो गई है। इधर बस्तर संभाग में पिछले 24 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश की सूचना मिल रही है।
मानसून समय पर नहीं आने से उमस के चलते जहां लोग हलाकान थे। वहीं पानी नहीं गिरने के कारण किसानों के चेहरों में चिंता की लकीरें उभरना प्रारंभ हो गई थी। कल से हो रही बारिश के बाद किसानों के चेहरे खिल गए हैं।
मौसम विभाग ने पहले से ही भारी बारिश की चेतावनी जारी कर दी थी। हालात काबू में रहे, इसके लिए मौसम विभाग ने राज्य के राहात आयुक्त, रेलवे प्रशासन और सिंचाई विभाग के साथ ही जलसंसाधन विभाग को इसकी सूचना प्रेषित कर दी थी। इधर केन्द्रीय मौसम विभाग ने भी अलर्ट जारी कर दिया था।
मौसम विभाग की माने तो इस समय उत्तर-पश्चिम राजस्थान से उत्तर.पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक एक द्रोणिका बनी है। दूसरा सिस्टम उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी से पश्चिम बंगाल और उड़ीसा तक बना हुआ है।
यह समुद्र सतह से 7.6 किमी ऊंचाई पर है और आज सुबह यह गहन अवदाब में बदल गया है। इसके चलते ही प्रदेश में इस समय चौतरफा बारिश हो रही है, खासकर प्रदेश के मैदानी इलाकों में लगातार हल्की बारिश जारी है।
मानसून समय पर नहीं आने से उमस के चलते जहां लोग हलाकान थे। वहीं पानी नहीं गिरने के कारण किसानों के चेहरों में चिंता की लकीरें उभरना प्रारंभ हो गई थी।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश की 80 प्रतिशत आबादी खरीफ की फसल में होने वाले उत्पादन पर निर्भर है। वैसे में प्रदेश को धान का कटोरा कहा जाता है। पश्चिम बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बनने एवं निम्नदाब का चक्रवात बनने के कारण मानसून की गति में आई तेजी के चलते अंतत: सोमवार शाम से अनवरत होती वर्षा से जहां किसानों के चेहरे खिले हैं वहीं पानी गिरने से पशु-पक्षियों को भी राहत मिली।
नदी नहरों में पानी गिरने से जल भराव की स्थिति निर्मित हुई। मानसून के आगमन पर आज सुबह शहर के उद्यानों में लोग प्रसन्नतापूर्वक सैर करते दिखे। वहीं बाग बगीचों के शौकिन नर्सरी की ओर फूलों एवं फलों के पौधे खरीदते दिखाई दिए।
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