रायपुर। बीते 5 सालों में मोदी सरकार ने ब्लैकमनी पर नकेल कसने के लिए नोटबंदी और बेनामी प्रॉपर्टी से जुड़े कई अहम फैसले लिए। अब सरकार के दूसरे कार्यकाल में ब्लैकमनी को लेकर जो खबर आई है वो थोड़ी राहत देने वाली है। दरअसल, स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा रकम 2018 में लगभग 6 फीसदी घटकर 6,757 करोड़ रुपये रही।
यह जानकारी स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) की ओर से दी गई है। एसएनबी ने जिन आंकड़ों को जारी किया है, वह स्विस बैंक का आधिकारिक आंकड़ा है। हालांकि इन आंकड़ों से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि इसमें भारतीयों का कितना काला धन है। इसमें वह जमा भी शामिल नहीं है जो भारतीयों, प्रवासी भारतीयों ने स्विट्जरलैंड के बैंकों में अन्य देशों की इकाइयों के रूप में जमा कराया है।
एसएनबी की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 20 साल में दूसरी बार है जब स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों के जमा राशि में इतनी बड़ी गिरावट आई है। इससे पहले 2016 में भारतीयों द्वारा जमा कुल रकम सबसे कम 4,725 करोड़ रुपये रही थी। वहीं साल 195 में भारतीयों द्वारा जमा कुल रकम 5,061 करोड़ रुपये रही थी।
हालांकि साल 2018 में सिर्फ भारतीय जमा ही स्विस बैंकों में नहीं घटा है बल्कि सभी विदेशी ग्राहकों का कुल डिपॉजिट 4 फीसदी घटकर 1.40 लाख करोड़ स्विस बैंक (9 लाख करोड़ रुपये) रह गया है।
यहां बता दें कि स्विस नेशनल बैंक ने इन आंकड़ों को 1987 में जारी करना शुरू किया था। एसएनबी की रिपोर्ट में बताया गया है कि स्विट्जरलैंड के बैंकों की भारतीय ग्राहकों के प्रति कुल देनदारियों के आंकड़ों में भारतीय ग्राहकों के स्विस बैंकों में जमा कुल कोष को लिया गया है। इसमें इंडिविजुअल्स, बैंकों और वेंचर्स का जमा शामिल है।
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