महासमुंद। हाथियों के आतंक से महासमुंद जिलावासी काफी परेशान हैं। पिछले 4 दिनों से महासमुंद और बलौदाबाजार की सरहद पर स्थित छताल जंगल में हाथियों का दल जमा हुआ है।
इसे सिरपुर क्षेत्र के गांव में आने से रोकने के लिए वन विभाग की सीसीएफ की टीम ने अलग ही व्यवस्था की है। वन विभाग ने इस बार हाथियों को जुगजुगी लाइट और करंट तार की बेरिकेडिंग लगाकर रोकने की तैयारी की है।
पिछले 4 दिनों से महासमुंद और बलौदाबाजार की सरहद पर स्थित छताल जंगल में जमे हाथियों को सिरपुर क्षेत्र के गांव में आने से रोकने की तैयारी वन विभाग की सीसीएफ की टीम ने कर ली है। तैयारी का परीक्षण करने टीम को केवल जंगल से हाथियों के निकलने का इंतजार है। इधर, हाथी सिरपुर क्षेत्र से निकलने के बाद अब तक जंगलों से बाहर नहीं आए हैं।
सीसीएफ केके बिसेन के निर्देशन में एसएसओ की टीम ने गांव की सीमा से लगे खेत के चारों ओर जुगजुगी लाइट और करंट तार की बेरिकेटिंग की गई है। टीम के सदस्य जंगल से हाथियों के निकलने पर नजर बनाए हुए हैं जिससे सिरपुर क्षेत्र में आने वाले हाथियों को रोकने के लिए की गई तैयारी का परीक्षण किया जा सके।
हाथी भगाओ, फसल बचाओ समिति के संयोजक राधेलाल सिन्हा ने बताया कि 20 सदस्यीय हाथियों के दल में 19 हाथी महासमुंद और बलौदाबाजार जिले की सीमा में स्थित छतालडबरा जंगल में जमे हुए हैं जबकि एक हाथी जंगल के आसपास विचरण कर रहा है।
ज्ञात हो कि वन विभाग और सीसीएफ की टीम ने सिरपुर क्षेत्र में आतंक का पर्याय बने हाथियों को छतालडबरा जंगल में रोकने की योजना जो कुछ हद तक सफल हो गई है। बहरहाल, देखना है कि इस पर विभाग को पूरी सफलता कब तक मिल पाती है।
हाथियों के लिए करंट तार और जुगजुगी लाइट के करीब जैसे ही हाथी आएंगे करंट का झटका लगने से वे वापस लौट जाएंगे। तार घेरे में लगाई गई लाइट से हाथी भ्रमित होकर वापस लौट जाएंगे।
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