रायपुर। डीजीपी डी.एम. अवस्थी ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों, रेलवे पुलिस सहित राज्य के सभी थाना प्रभारियों को थानों को आदर्श जनसुविधा केन्द्र के रूप में विकसित किए जाने के सख्त निर्देश दिए हैं।
अवस्थी ने इस संबंध में पत्र लिखकर निर्देश जारी किया है और थाना पहुंचने पर नागरिकों के साथ सद्भावपूर्ण व्यवहार करते हुए उनकी समस्याओं के निराकरण करने को कहा हैं। उन्होंने कहा है कि सभी थानों में एक कक्ष को आगंतुक कक्ष के रूप में चिन्हित किया जाएगा।
इस कक्ष में बैठने एवं स्वच्छ पीने के पानी की व्यवस्था रखी जाएगी। थाना पहुंचने वाले प्रत्येक नागरिक या आवेदक को इस कक्ष में सम्मान के साथ बैठाकर उसकी बात सुनी जाएगा। प्रत्येक थाने में थाना प्रभारी तीन शिफ्ट के लिए तीन कर्मचारियों के नोडल कर्मचारी के रूप में नियुक्त करें।
प्रत्येक शिफ्ट में एक नोडल कर्मचारी थाने में उपस्थित रहेंगे, जिनका यह कर्तव्य रहेगा कि थाने में पहुंचने वाले आवेदक को वे आगंतुक कक्ष में बैठाकर उनसे चर्चा करेंगे तथा उन्हें थाना प्रभारी या दिवस अधिकारी के समक्ष प्रथम सूचना पत्र दर्ज करने अथवा उचित वैधानिक कार्यवाही करने हेतु प्रस्तुत करेंगे।
थाना प्रभारी या दिवस अधिकारी ऐसे प्रत्येक आवेदक के आवदेन पर यदि संज्ञेय अपराध का होना पाया जाता है, तो तत्काल प्रथम सूचना पत्र दर्ज कर विवेचक के माध्यम से उसकी त्वरित विवेचना करावएंगे।
यदि संज्ञेय अपराध का होना न पाया जाए, तो इसकी जानकारी आवेदक को देते हुए विधि अनुसार धारा-155 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत कार्यवाही करेंगे। थाना प्रभारी यह ध्यान रखें कि उनके थाने में पहुंचने वाले किसी भी आवेदक के साथ दुर्व्यवहार, पैसे आदि की मांग कर भ्रष्ट आचरण अथवा धृष्टतापूर्ण आचरण कदापि न होवें।
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