रायपुर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सरगुजा जिले के प्रभारी मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि राम के चरण स्पर्श से पवित्र भूमि, विश्व की प्राचीनतम नाट्यशाला तथा महाकवि कालीदास के मेघदूतम की रचना स्थली रामगढ़ की पहाड़ी के गौरव और ख्याति को देश विदेश तक पहुंचने के लिए समन्वित प्रयास करना होगा।
उक्त बाते श्री सिंहदेव कल सरगुजा जिले के उदयपुर जनपद की रामगढ़ की पहाड़ी में आयोजित रामगढ़ महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कही।उन्होंने कहा कि रामगढ़ सरगुजा अंचल के लोक संगीत, लोककला, पुरातात्विक धरोहर का अनूठा संगम स्थल है। इसके स्वरूप को वृहद करने के लिए आगामी वर्षो में दो दिवसीय आयोजन को तीन दिवसीय करने पर विचार किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि रामगढ़ तथा इसके आस-पास अनेक ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के स्थल है। रामगढ़ की पहाड़ी में अंकित शैलचित्र, गुफा में उत्कीर्ण शिला लेख, नाट्यशाला विद्यमान है।इन सभी धरोहरों को सहेजने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि हमारी कला संस्कृति की जड़े गहरी हैं। समय के साथ हमारे समाज मे तेजी से परिवर्तन आ रहा है, लेकिन हमें वर्तमान के साथ पुरातन के समन्वय के साथ आगे बढऩा है।
श्री सिंहदेव ने कहा कि रामगढ़ में पर्यटकों की सुविधा के लिए रेस्ट हाउस का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए जमीन चिन्हांकन के लिए वन विभाग एवं तहसील स्तर पर प्रस्ताव तैयार कर उचित स्थल का चयन करें।
उन्होंने बताया कि रामगढ़ में पेयजल एवं मंदिर तक जाने के लिए सड़क निर्माण के लिय बजट में प्रावधान किया गया है जो आगामी वर्ष में बजट में शामिल किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग सेवा के विस्तार के लिए बैंक सखी की अवधारणा को पूरे छत्तीसगढ़ में लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था पेंशन, मनरेगा, तेंदूपत्ता की राशि के लिए लोगो को बैंक के चक्कर काटने से मुक्ति दिलायेगी वहीं गांव के ही बहु-बेटी को रोजगार के साधन भी मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा में 12 वीं कक्षा तक शिक्षा का अधिकर अधिनियम को लागू कराया जाएगा।
कॉलेज के क्षेत्रों को अब प्रथम वर्ष में ही छात्रों को लैपटॉप में लिए राशि उनके बैंक खातों में दी जाएगी। इससे वे अपनी सुविधानुसार लैपटॉप खरीद सकेंगे ।कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने कहा कि दो दिवसीय रामगढ़ महोत्सव के प्रथम दिवस में शोध संगोष्ठी का गौरवमयी आयोजन अम्बिकापुर में किया गया।
आज रामगढ़ में ख्यातिलब्ध कलाकारों के साथ ही स्थानीय कलाकारों के द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाएंगे।उन्होंने कहा कि रामगढ़ की पहाड़ी भगवान राम की पावन भूमि, महाकवि कालिदास की रचना स्थली है। यहां सीता बेंगरा, जोगीमारा, हाथी पोल, छोटा तुर्रा, बड़ा तुर्रा विशेष दर्शनीय हैं।
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