रायपुर। भीणष गर्मी के बीच बीती रात बारिश हुई। मानसून के इंतजार में बैठे किसानों ने कुछ राहत की सांस ली है। हल्की बारिश के साथ किसान कृषि कार्य में जुट गए हैं। आज सुबह से किसानों को खेतों की ओर जाते हुए देखा गया। दूसरी ओर आज तेज धूप से तो राहत मिली लेकिन उमस भरी गर्मी से लोग परेशान होते रहे।
मौसम विभाग के अनुसार मानसून का प्रदेश में प्रवेश में अभी थोड़ा समय है। किसान जून माह के प्रारम्भ से ही अपने खेती की जुताई कर खाद डालना प्रारम्भ कर देते हैं और अगर जून माह के प्रारम्भ में हल्की बारिश हो जाए तो उस क्षेत्र का 20 प्रतिशत खेतो की जुताई हो जाती है।
एयर खेतों में अनाज का छिड़काव कर लेते है जिसे किसान खुर्रा बोनी भी कहते हैं। पहली बारिश के बाद किसानों ने नागर बैल से खेतों की जुताई कार्य चालू कर दिए हैं।नैसर्गिक खेती करने वाले किसानों ने जुताई के साथ साथ गोबर खाद के साथ मक्का व धान की बीज अपने खेतों में डालना चालू कर दिए हैं।
किसानों ने बताया कि खेतों को नागर बैल से जुताई करने से पैदावारी अच्छी आती है। साथ ही साथ खेतों की उर्वरा शक्ति बरकार रहती है खेतों में रासायनिक खाद का उपयोग करने से जमीन कड़ा होने लगता है।
इसलिए रासायनिक खाद की जगह ग्रामीण अंचल के किसान गोबर खाद का उपयोग करते हैं। गोबर खाद से जमीन मुलायम व पोला हो जाता है जिससे जुताई आसानी से होती है और खेतों में पानी की खपत भी कम होती है।
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