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CG 6 साल की मासूम से दुष्कर्म: सड़क पर उतरी BJP महिला मोर्चा, गृहमंत्री के बंगले को घेरा, पुलिस के साथ झूमाझटकी…

CG 6 साल की मासूम से दुष्कर्म : सुकमा जिले के पोटा केबिन आवासीय विद्यालय में 6 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म की घटना से पूरा छत्तीसगढ़ आक्रोशित है। इस मामले में बीजेपी महिला मोर्चा आज सड़क पर उतरी। प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के बंगले का घेराव किया।

इस दौरान मोर्चा की महिलाएं जमकर विरोध प्रदर्शन करते हुए बैरिकेड्स पर चढ़ गईं। राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुलिस और महिलाओं के साथ जमकर झूमाझटकी हुई।

बाद में मीडिया से चर्चा में छत्तीसगढ़ बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने कहा कि पोटा केबिन में 6 साल की बच्ची के साथ जो अनाचार की घटना हुई है, उसके लिए हमने पांच सदस्यीय टीम बनाई थी, जो सुकमा गए थे। वहां पर जांच में पाया गया कि वाकई में उसके साथ अनाचार की घटना हुई है। जब मोर्चा ने दबाव बनाया और एसपी से मिल गया तब जाकर अधीक्षिका पर एफआईआर दर्ज की गई है। हमने उन्हें बर्खास्त करने की मांग की थी जल्द ही उन्हें बर्खास्त किया जाए। फिलहाल, अपराधी को पकड़ लिया गया है, लेकिन अभी भी दो-तीन लोग ऐसे हैं जो संदिग्ध हैं।

3 साल की बालिका के साथ भी अनाचार

उन्होंने कहा कि पास के ही एक गांव में हम गए थे, जहां पर 3 साल की बालिका के साथ अनाचार हुआ है। जब हम उस लड़की के पास गए तो वह सहम गई थी। कुछ बोल नहीं पा रही थी। किसी से बात नहीं कर पा रही है । यह कैसी विडंबना है कि कांग्रेस सरकार इस दिशा में कोई काम नहीं कर रही है। सीएम भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं मंत्री कवासी लखमा का एरिया है, तो ऐसे में उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। सरकार केवल बोल रही है कर कुछ नहीं रही है।

बालिकाओं के साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए। सरकार को कड़े से कड़े कदम उठाने चाहिए। सख्त नियम कायदे कानून बनने चाहिए ताकि बेटियों के साथ जो ऐसा कृत्य करें, उस पर सख्ती से कार्रवाई हो।

राज्य सरकार को घेरा

शालिनी राजपूत ने सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस सरकार ऐसे भविष्य दे रही है। बालिकाओं, हमारी बेटियों के साथ ये क्या हो रहा है। यह बहुत ही गलत परंपरा छत्तीसगढ़ में पनप रही है। इसकी वजह कांग्रेस की सरकार है, क्योंकि उन्होंने शराबबंदी की बातें कही थी, लेकिन आज तक शराबबंदी नहीं की गई। कवासी लखमा आराम से बैठे हुए हैं। न ही वो और उनके अधिकारी लोगों का दर्द बांट रहे हैं। ऐसी सरकार को उखाड़ फेंक देना चाहिए।

 

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