रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरूवार को मंत्रालय में सभी जिलों के कलेक्टर और एसपी की कान्फ्रेंस लेकर चर्चा की। बैठक में मुख्यमंत्री सहजता से अधिकारियों के सुझाव सुने। उन्होंने अधिकारियों से सभी विषयों में खुल कर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने जिस सरलता से अधिकारियों से चर्चा की उससे उनके हौसला काफी बढ़ा और सभी बिन्दुओं पर अपनी बात रखी।
बैठक में मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव सुनील कुज़ूर, अपर मुख्य सचिव केडीपी राव, अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कॉन्फ्रेंस में कहा कि नदियों के किनारे की खाली जगहों पर पौधारोपण करें।
इलके लिए लक्ष्य तय कर जल्द काम शुरू करें। वन विभाग इंद्रावती, खारुन, अरपा और सकरी नदी के तटों पर पौधारोपण कराने की तैयारी करें। पौधारोपण के बाद ज्यादा से ज्यादा पौधों को बचाने पर उन्होंने जोर दिया। साथ ही उन्होंने लिफ्ट इरीगेशन के माध्यम से सिंचाई के लिए शबरी नदी के किनारे सोलर पंप स्थापित करने के निर्देश दिए। वन विभाग को फेंसिंग के साथ-साथ ड्रिप इरीगेशन या सिंचाई की व्यवस्था के निर्देश भी दिए।
सीएम ने अधिकारियों से कहा कि भूमिगत जल का स्तर बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक नालों को रिचार्ज करें। इसके लिए व्यापक कार्ययोजना भी बनाएं। बोर खोदें तो रिचार्जिंग भी कराएं, इसी का एक समाधान है नरवा योजना। भूमिगत जल की कमी को दूर करने में नरवा योजना महत्वपूर्ण है।
बरसात के पहले कच्ची मिट्टी, बोल्डर चेकडैम और नालाबंधान के कार्यों में भी तेजी लाएं।शहरों का गंदा पानी नदियों में जाने को रोकने के संबंध में मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया। अधिकारियों ने बताया कि अमृत मिशन योजना के तहत इस पर कार्य को किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि 5 शहरों में सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लांट बनाए जा रहे हैं।
सीएम कहा कि कृषि उपज और वनोपज आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने प्रोजेक्ट तैयार करें। कृषि और उद्यानिकी फसलों के उत्पादन और वनोपज संग्रहण के आधार पर अलग-अलग क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करने की कार्ययोजना बनाएं।
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