वर्ल्ड कप 2019 में टीम इंडिया आज अपना पहला मैच खेलेगी। लगातार दो मैच हार चुकी दक्षिण अफ्रीका से रोज बाउल क्रिकेट ग्राउंड पर मुकाबला होना है। मगर इस वक्त साउथैम्प्टन में काले घने बादल छाए हुए हैं। सूरज लगातार लुका-छिपी कर रहा है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि दोपहर 3.30 बजे के आसपास बारिश भी हो सकती है।
11 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच 14 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी बह रही है। ऐसे में घने बादल और तूफानी हवाओं के बीच तेज गेंदबाजों को निश्चित तौर पर मदद मिल सकती है। ब्रिटिश मौसम अधिकारी ने भी बताया कि दोपहर में बारिश होने की संभावना है, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं।
अगर रोज बाउल की पिच की बात करें तो यह ट्रैक बल्लेबाजी के लिए अनुकूल मानी जाती है। टॉस जीतने के बाद कप्तान का फैसला काफी हद तक उस वक्त के मौसम पर भी निर्भर करेगा।
बता दें कि मैच से एक दिन पहले टीम इडिया के खिलाडिय़ों ने जैसे ही रोज बाउल क्रिकेट ग्राउंड में प्रैक्टिस के लिए कदम रखा, वहां भारी बारिश ने उनका स्वागत किया। जिससे प्रैक्टिस भी नहीं हो पाई।
क्या कमजोर है दक्षिण अफ्रीका
भारतीय क्रिकेट टीम विश्व कप के अपने पहले मुकाबले में बुधवार को जब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैदान पर उतरेगी तो आत्मविश्वास से भरी होगी। इसमें कोई शक नहीं कि दक्षिण अफ्रीकी टीम खराब दौर से जूझ रही है।
दो मुकाबले इंग्लैंड और बांग्लादेश के खिलाफ हार चुकी है और उसकी फिटनेस समस्याएं भी गहरी है। तेज गेंदबाज डेल स्टेन विश्व कप से बाहर हो गए हैं। अन्य तेज गेंदबाज लुंगी नगिदी की मांसपेशियों में खिंचाव है जबकि अनुभवी बल्लेबाज हाशिम अमला अभी पूरी तरह फिट होने की प्रक्रिया में हैं। बावजूद इसके दक्षिण अफ्रीका जैसी टीम को हलके में लेना भूल होगी।
एक भी मैच खेले बिना केदार जाधव को उतारा जाता है या विजय शंकर टीम में रहते हैं। कैगिसो रबादा का एक स्पैल उसके लिए कहानी बदल सकता है। मौसम से मदद मिलने पर रबादा भारत के सलामी बल्लेबाजों रोहित शर्मा और शिखर धवन के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं।
वैसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज से लेकर अब तक पर्याप्त रन नहीं बना पाने के कारण दोनों का आत्मविश्वास हिला हुआ होगा।
धोनी की लय कायम रहने की उम्मीद
लेग स्पिनरों के खिलाफ रोहित की कमजोरी का फायदा दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डु प्लेसिस उठा सकते हैं। वह एक बार फिर इमरान ताहिर से गेंदबाजी का आगाज कराने की सोच सकते हैं। चौथे नंबर पर लोकेश राहुल उतरेंगे लेकिन देखना यह है कि कठिन हालात में उनका प्रदर्शन कैसा रहता है।
धोनी ने बांग्लादेश के खिलाफ अभ्यास मैच में शतक जमाया और उनसे उसी लय को कायम रखने की उम्मीद रहेगी। दक्षिण अफ्रीका को बल्लेबाजी में एबी डीविलियर्स की कमी बुरी तरह खल रही है। स्पिनरों के खिलाफ बल्लेबाजों की कलई बार-बार खुल रही है। ऐसे में भारतीय स्पिनरों के 20 ओवर खेलना उनके लिए मुश्किल होगा।
कोहली का दोहरा इम्तिहान
इस दौर के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक कोहली की बतौर कप्तान असल परीक्षा क्रिकेट के इस महासमर में होगी। भारत के पास मैच विनर्स की कमी नहीं है और उनमें पहला नाम खुद कोहली का है लेकिन इसमें वह आभामंडल नहीं दिख रहा जो महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई वाली 2011 की विश्व कप विजेता टीम में था।
उस टीम में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, गौतम गंभीर, जहीर खान और हरभजन सिंह थे जिनका साथ देने के लिए मुनाफ पटेल, आशीष नेहरा, सुरेश रैना और युवा कोहली थे। मौजूदा टीम के कप्तान कोहली और मार्गदर्शक धोनी हैं और इसने पिछले नौ में से छह मैच जीते हैं।
दो साल की मेहनत की परिणिति इस टीम के रूप में हुई है। चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल में पाकिस्तान से मिली हार के बाद से विश्व कप की टीम की तैयारी शुरू हो चुकी थी।
भारत- विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, लोकेश राहुल, महेंद्र सिंह धोनी, हार्दिक पांड्या, केदार जाधव, विजय शंकर, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, दिनेश कार्तिक, रविंद्र जडेजा।दक्षिण अफ्रीका-फाफ डु प्लेसिस (कप्तान), क्विंटन डि कॉक, एडेन मार्करम, हाशिम अमला, जेपी डुमिनी, डेविड मिलर, कैगिसो रबादा, ड्वेन प्रिटोरियस, एंडिले फेहुलकवायो, तबरेज शम्सी, इमरान ताहिर, क्रिस मौरिस, वान डेर डुसेन।
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